रांची: जमीन घोटाले मामले में रांची के पूर्व डीसी आईएएस अधिकारी छवि रंजन की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही. छवि रंजन को आज यानी 21 अप्रैल को एजेंसी के दफ्तर में हाजिर होना था, लेकिन 20 अप्रैल की देर शाम आवेदन भेजकर छवि रंजन ने दो सप्ताह की मोहलत मांगी. लेकिन अब सूचना है कि ईडी ने उनके आवेदन को अस्वीकृत करते हुए उन्हें जल्द से जल्द एजेंसी के दफ्तर तलब किया है.
ईडी ने छवि रंजन के आवेदन को किया अस्वीकृत, बुलाया गया एजेंसी के दफ्तर
ईडी ने छवि रंजन के आवेदन को ठुकरा दिया है. उन्हें शुक्रवार को ही पूछताछ के लिए बुलाया गया है.
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आज ही पहुंचें- ईडी:ईडी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एजेंसी ने छवि रंजन को आज ही यानी 21 अप्रैल को ही पहुंचने के लिए कहा है. हालांकि उन्होंने दो हफ्ते का समय मांगा था, लेकिन ईडी ने उनके आवेदन को अस्वीकृत कर दिया है. उन्हें आज ही पहुंचने के लिए नोटिस भेजा गया है. वहीं दूसरी तरफ सूचना यह है कि छवि रंजन फिलहाल राजधानी में नहीं है ऐसे में आज उनका एजेंसी के दफ्तर पहुंचना नामुमकिन है. अब देखना है कि इस मामले में ईडी आगे क्या कार्रवाई करती है. गौरतलब है कि रांची में सेना की 4.55 एकड़ जमीन को हथियाने और चेशायर होम रोड की जमीन का फर्जीवाड़ा कर रजिस्ट्री कर जमीन हथियाने को लेकर मनी लाउंड्रिंग की जांच ईडी कर रही है. इसी मामले में छवि रंजन ईडी के रडार पर हैं.
क्या है पूरा मामला:गौरतलब है कि जमीन घोटाले में ईडी ने आईएएस अधिकारी छवि रंजन समेत 18 लोगों के ठिकाने पर 13 अप्रैल को छापेमारी की थी. इनमें अंचल कर्मी से लेकर जमीन दलाल भी शामिल थे. छापेमारी के बाद सात आरोपियों को ईडी ने गिरफ्तार भी किया था. गिरफ्तार आरोपितों से रिमांड पर पूछताछ भी की जा रही है. ईडी सूत्रों के अनुसार यह घोटाला भी अरब के पार का है. इस घोटाले में बड़े बड़े लोगों को सिर्फ इसलिए फायदा पहुचाया गया ताकि आर्मी की बेशकीमती जमीन को हासिल किया जा सके.
ईडी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस डील को सिर्फ मैनेज करने के नाम पर ही 50 करोड़ से ज्यादा रुपये बांटे गए. सूत्र बताते हैं कि सत्ता के पावर ब्रोकर कहे जाने वाले प्रेम प्रकाश भी इस डील में सीधे तौर पर जुड़ा हुआ था. उसे भी टोकन मनी के तौर पर इस डील में 1 करोड़ से ज्यादा रुपये मिले थे. जब जमीन पर पूरी तरह से कब्जा हो जाता तब एक और बड़ी रकम के साथ साथ जमीन पर बनने वाले प्रोजेक्ट में भी उसकी हिस्सेदारी होती. इन सभी मामलों पर छवि रंजन से पूछताछ की जानी थी.