रांची: झारखंड में अवैध माइनिंग (Illegal mining in Jharkhand) और वसूली के रैकेट की मॉडस ऑपरेंडी यानी संचालन के तौर-तरीकों के बारे में ईडी ने चौंकाने वाले फैक्ट डिकोड किए हैं. मसलन, घोटाले में संलिप्त अफसर अवैध वसूली की राशि एक-दूसरे को ट्रांसफर करने के दौरान लाख रुपए के लिए 'किलो' कोड वर्ड का इस्तेमाल करते थे. अगर किसी अफसर ने दूसरे को अवैध वसूली के अगर 10 लाख रुपए भेजे तो इसके कन्फर्मेशन के लिए जो मैसेज भेजा जाता था, उसमें लिखा होता था 10 किलो भेजा. पैसे पाने वाला अफसर भी इसी तरह जवाब देता था. 10 किलो मिला या 5 किलो प्राप्त हुआ. ईडी ने अवैध माइनिंग घोटाले की जांच के दौरान सामने आई ऐसी कई जानकारियां राज्य सरकार को भेजी गई एक रिपोर्ट में साझा की है.
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अवैध माइनिंग और वसूली के मामले में जांच और अभियुक्तों से पूछताछ के दौरान मिली जानकारियों के आधार पर ईडी अब झारखंड सरकार की पूर्व माइनिंग सेक्रेटरी पूजा सिंघल (IAS Pooja Singhal) सहित कम से कम तीन जिला- साहिबगंज, पाकुड़ और दुमका के डिस्ट्रिक्ट माइनिंग अफसरों को अभियुक्त बनाने की तैयारी कर रही है.
सीनियर आईएएस पूजा सिंघल को ईडी ने मनरेगा घोटाले से अर्जित राशि की मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में बीते 11 मई को गिरफ्तार किया था. इसके पहले 6-7 मई को पूजा सिंघल और उनसे संबंधित लोगों के डेढ़ दर्जन से भी ज्यादा ठिकानों पर छापामारी कर 19 करोड़ रुपए नगद समेत निवेश और मनी लांड्रिंग से जुड़े कई दस्तावेज बरामद किए गए थे. नगद राशि उनके लिए काम करने वाले सीए सुमन कुमार (CA Suman Kumar) के आवास और दफ्तर से जब्त की गई थी. उनके मोबाइल फोन से मिले चैट और उनसे हुई पूछताछ के आधार पर ईडी ने अपनी चार्जशीट में बताया है कि वह डिस्ट्रिक्ट माइनिंग अफसरों और माइन्स सेक्रेटरी पूजा सिंघल के बीच अवैध वसूली के एजेंट की भूमिका में थे. माइनिंग अफसर सीधे पूजा सिंघल के बजाय उन तक रुपए पहुंचाते थे.