रांचीःझारखंड सरकार के ग्रामीण कार्य विभाग के निलंबित चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम के करीबी धीरे-धीरे सलाखों के पीछे पहुंच रहे हैं. वीरेंद्र राम अकूत काली कमाई की मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने हरीश यादव को गिरफ्तार किया है. हरीश यादव सीए मुकेश मित्तल का करीबी है.
Money Laundering Case: मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ईडी ने हरीश यादव को किया गिरफ्तार, 121.83 करोड़ के ट्रांजेक्शन में थी अहम भूमिका
निलंबित चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम के करीबियों पर ईडी ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में वीरेंद्र राम के करीबी हरीश यादव को पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया है.
हर खाते में हरीश यादव का नंबरःजेल में बंद निलंबित चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम की अवैध कमाई की मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी ने हरीश यादव को गिरफ्तार कर लिया है. दिल्ली निवासी हरीश यादव मनी लॉन्ड्रिंग करने के आरोपी सीए मुकेश मित्तल का करीबी है. ईडी ने अपनी तफ्तीश में पाया है कि वीरेंद्र राम की 121.83 करोड़ रुपए को अलग-अलग खातों में डालकर उसकी निकासी या ट्रांसफर में हरीश यादव की ही अहम भूमिका रही थी. सभी खातों में हो रहे ट्रांजैक्शन के लिए हरीश यादव के मोबाइल नंबर का ही इस्तेमाल किया जाता था. ट्रांजैक्शन के लिए जो भी ओटीपी आता था वह सभी हरीश यादव के मोबाइल पर ही आता था. ओटीपी आने के बाद ही वह पैसे ट्रांसफर किया करता था.
हवाला कारोबारियों ने लिया हरीश का नामः वीरेंद्र राम प्रकरण मामले में ईडी ने बीते दिनों दिल्ली के तीन हवाला कारोबारी नीरज मित्तल, ताराचंद और रामप्रकाश भाटिया को गिरफ्तार किया था. तीनों हवाला कारोबारियों की गिरफ्तारी के बाद हरीश यादव का नाम उभर कर सामने आया था. ईडी ने हरीश के खिलाफ तकनीकी साक्ष्य भी जुटाए थे. ईडी ने जांच में मिले तथ्यों के आधार पर हरीश को पूछताछ के लिए बुलाया था. इसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया. इस मामले में ईडी को सीए मुकेश मित्तल की भी तलाश है. ईडी ने वीरेंद्र राम प्रकरण में अबतक वीरेंद्र राम, उसकी पत्नी राजकुमारी देवी, चचेरे भाई आलोक रंजन और उसके पिता के साथ अन्य पर चार्जशीट भी दायर कर चुकी है.
मनी लॉन्ड्रिंग का चेन कैसे करता था कामःजानकारी के अनुसार चीफ इंजीनियरवीरेंद्र राम पैसे जमशेदपुर से दिल्ली भेजता था. रवि बाधवानी यहां से पैसे ले जाकर मुकेश मित्तल को सौंपता था. इसके बाद मुकेश मित्तल से पैसे लेकर राम प्रकाश भाटिया पैसों की इंट्री मनीष, राकेश कुमार केडिया और नेहा श्रेष्ठ के नाम से खोले गए खातों में करता था. भाटिया कैश नीरज मित्तल को भी देता था. जिसके बाद नीरज पैसों की इंट्री और फर्जी बिल बनाता था. बदले में राम प्रकाश भाटिया मुकेश मित्तल से कुल राशि का 0.75 प्रतिशत और नीरज मित्तल से 0.20 प्रतिशत कमीशन लेता था. राम प्रकाश भाटिया को इंट्री के बदले मुकेश मित्तल ने उस दौरान सात लाख रुपए भी दिए थे.