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हेमंत सरकार को अस्थिर करने में पहले लगी थी IT-ED-CBI, अब तो पीएम मोदी भी लग गए: JMM

झारखंड मुक्ति मोर्चा ने पीएम के दौरा पर निशाना साधा है. जेएमएम नेता सुप्रियो भट्टाचार्या ने कहा कि उनके दौरे से लोगों को काफी उम्मीदें थीं लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी. JMM reaction on PM Modi visit.

JMM leader Supriyo Bhattacharya
JMM leader Supriyo Bhattacharya

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Nov 16, 2023, 7:54 PM IST

पीएम मोदी के दौरे पर जेएमएम का निशाना

रांची: मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के झारखंड दौरे को राज्यवासियों के लिए निराशाजनक बताया है. जेएमएम के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्या ने कहा कि उनके दौरे से राज्यवासियों को उम्मीद थी कि वह राज्य स्थापना दिवस पर झारखंड को कोई विशेष उपहार देंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ. ऐसे में
उनकी वापसी के बाद राज्य में निराशा का माहौल बना है.

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सुप्रियो भट्टाचार्या नेता ने कहा कि पिछले वर्ष 15 नवम्बर को जनजातीय गौरव दिवस का नामकरण किया गया था. तब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आईं थीं. तब से यह उम्मीद बंधी थी कि जनजातीय लोगों के लिए कुछ घोषणा होगी, लेकिन हैरत हुई कि पीएम मोदी ने राज्य को विशेष उपहार देना तो दूर आदि धर्म "सरना" पर एक शब्द नहीं बोले.

झामुमो नेता ने कहा कि ऐसा लगा कि पीएम मोदी को यहां के लोगों की जनभावना के अनुरूप सरना धर्म कोड की मांग की कोई जानकारी ही नहीं है. झामुमो नेता ने कहा कि पीएम अच्छी-अच्छी बातें आदिवासियों के लिए करते हैं, लेकिन जनजातीय समाज के लिए दिल में कोई सम्मान नहीं है. छठी अनुसूची वाले राज्य मणिपुर पर उन्होंने अपनी चुप्पी जारी रखी. मिजोरम में चुनाव में भी नहीं गए. इससे साफ है कि छतीसगढ़ और मध्यप्रदेश के चुनाव को प्रभावित करने के लिए खूंटी के धरती आबा का गांव चुना गया.

HEC को लेकर पीएम की चुप्पी निराशाजनक: सुप्रियो भट्टाचार्या ने कहा कि प्रधानमंत्री झारखंड से अपने आपको जोड़ रहे थे. खूंटी जिले में सोलर लाइट वाले न्यायालय परिसर का उद्घाटन किया, लेकिन HEC के लिए पीएम एक शब्द नहीं बोले.

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जनता के जीवन में बदलाव लाने वाली योजनाएं राज्य सरकार ने शुरू की: राज्य स्थापना दिवस पर राज्य की हेमन्त सोरेन सरकार लोगों के जीवन में सुखद बदलाव लाने वाली योजनाएं लाई है. खिलाड़ियों को नियुक्ति पत्र और सम्मान दिया गया. पीएम शायद यह जानते थे कि राज्य सरकार के बढ़ते कदम को रोकने के लिए उन्हें आना पड़ा. क्या फ़ोटो शूटिंग के लिए झारखंड को चुना गया. इस बार भी ऐसा किया गया कि आधा दिन राज्य, प्रधानमंत्री के पीछे लगा रहा. पहले सरकार को अस्थिर करने के लिए IT, ED, सीबीआई आती थी अब तो राज्य सरकार के पीछे पीएम भी लग गए.


मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ की जनजातीय समुदाय से चुनावी लाभ लेने के लिए पीएम की यात्रा पूरी तरह राजनीतिक उद्देश्य से हुआ. जनजातीय गौरव दिवस पर राज्यपाल के बयान पर कहा कि राज्यपाल ने HEC को बचाने, मणिपुर में जनजातीय समुदाय पर अत्याचार रोकने जैसी मांग प्रधानमंत्री से क्यों नहीं की. देश की अर्थव्यवस्था खराब है, अगले पांच वर्ष तक मुफ्त अनाज उपलब्ध कराना, गरीबों का मजाक उड़ाना है. हंगर इंडेक्स में हम पाकिस्तान से भी नीचे आ गए हैं. वन संशोधन कानून के बाद अब जंगल भी कॉरपोरेट के हवाले हो जाएगा. केंद्रीय जनजातीय मंत्री अर्जुन मुंडा भी सरना धर्म कोड की बात तक नहीं करते हैं. पीएम और भाजपा के नेताओं को सबकुछ याद रहता है लेकिन जनजातीय समुदायों के त्योहार उन्हें याद नहीं है.

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पीएम मोदी हैं एक अच्छे जादूगर: झामुमो के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्या ने कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भले ही यह कहें कि मोदी विष्णु अवतार हैं लेकिन सच्चाई यह है कि वह एक अच्छे जादूगर हैं. लेकिन राज्य की जनता उन्हें और भाजपा को पहचान चुकी है. वर्ष 2024 में वोटों के माध्यम से राज्य की जनता भाजपा को सबक सिखाएगी.

इशारों-इशारों में हेमंत सोरेन ने सरना धर्म कोड का किया था पीएम के मंच से जिक्र: संवाददाता सम्मेलन के दौरान एक सवाल के जवाब में झामुमो नेता सुप्रियो भट्टाचार्या ने कहा कि उनके नेता ने पीएम के मंच से सरना धर्म कोड को लेकर इशारों में बात कही थी. उन्होंने कहा था कि गर्व है कि मैं आदिवासी हूँ, यह कहकर मुख्यमंत्री ने सरना धर्म कोड की मांग इशारों में किया था, लेकिन पीएम ने यह नहीं सुनी. ऐसे में राज्य की जनता बेवकूफ नहीं है. 2024 में जनता इसका हिसाब लेगी.

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