रांचीःझारखंड सरकार और डीवीसी के बीच बकाया राशि को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है. इस विवाद की वजह से 12 से 14 घंटे तक बिजली कटौती की जा रही थी. अब राज्य सरकार ने इस विवाद को सुलझा लिया है. इस बीच एक और अच्छी खबर आई है. डीवीसी झारखंड को पॉवर हब के रूप में विकसित करने की तैयारी कर रही है. झारखंड दौरे पर रांची पहुंचे दामोदर वैली कॉरपोरेशन (डीवीसी) के आरएन सिंह ने कहा कि झारखंड को पॉवर हब के रूप में विकसिक करने की योजना बनाई गई है. राज्य में सौर और पारंपरिक और्जा के क्षेत्र में काफी संभावनाएं है. इन संभावनाओं को देखते हुए डीवीसी ने वृहद कार्ययोजना बनाई है. इसमें राज्य सरकार का पूरा सहयोग मिल रहा है.
Power Hub in Jharkhand: पॉवर हब के रूप में विकसित होगा झारखंड, डैम में लगेंगे सोलर प्लांट - डीवीसी बिजली आपूर्ति कमांड एरिया
डीवीसी झारखंड को पॉवर हब के रूप में विकसित करने की तैयारी कर रही है. इसके लिए डीवीसी ने कार्ययोजना तैयार कर ली है. इसमें सबसे प्रमुख है डैम में सोलर प्लांट लगाने की योजना. डीवीसी ने सोलर प्लांट से करीब 1500 मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य तय किया है.
![Power Hub in Jharkhand: पॉवर हब के रूप में विकसित होगा झारखंड, डैम में लगेंगे सोलर प्लांट Jharkhand as power hub](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-14311394-thumbnail-3x2-ran.jpg)
डीवीसी के चेयरमैन आर एन सिंह ने कहा कि आनेवाले समय में डीवीसी की ओर से सौर ऊर्जा के क्षेत्र में व्यापक काम किया जाएगा. राज्य के डैम में सोलर प्लांट लगाया जाएगा. वर्तमान समय में सर्वे का कार्य चल रहा है. इसमें मैथन, तिलैया सहित कई डैम शामिल हैं. इस डैम में सोलर प्लांट स्थापित होने के बाद करीब 1500 मेगावाट बिजली उत्पादन किया जाएगा. इसके अलावा डीवीसी ने पंप स्टोरेज प्लांट का भी निर्माण करने की योजना बनाई है. उन्होंने कहा कि लातेहार जिले के तुवैद कोल माइंस प्रोजेक्ट पर भी डीवीसी काम कर रही है. उन्होंने कहा कि तुवैद प्रोजेक्ट को लेकर भूमि अधिग्रहण का काम चल रहा है, जो अंतिम चरण में है.
डीवीसी बिजली आपूर्ति कमांड एरिया में राज्य के सात जिले हैं. इसमें हजारीबाग, चतरा, कोडरमा, रामगढ़, बोकारो, धनबाद और गिरिडीह शामिल हैं. डीवीसी 300 एमवीए बिजली की आपूर्ति जेवीएनएल को करती है, जिससे जेवीएनएल राज्य के इन जिलों में घर-घर बिजली आपूर्ति करती है. बता दें कि अमेरिका की टेनेसी घाटी प्राधिकरण की तर्ज पर दामोदर घाटी परियोजना के तहत साल 1948 में दामोदर घाटी निगम की स्थापना की गई थी.
इस परियोजना के तहत सात प्रमुख बांधों का निर्माण किया जाना था. लेकिन डीवीसी ने सिर्फ चार बांध तिलैया, मैथन, कोनार और पंचेत का निर्माण किया. इस डैम से डीवीसी बिजली उत्पादन कर इकरारनामा के तहत झारखंड सरकार से बिजली बेचती है. बताया जा रहा है कि झारखंड सरकार पर बकाया लगभग 4500 करोड़ रुपये है.