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राज्य में अवैध रूप से चल रहे हैं 586 बालू घाट! सदन में चौतरफा घिरी सरकार - सदन के अंदर बालू का मुद्दा उठा

झारखंड विधानसभा बजट सत्र के सातवें दिन सदन के अंदर बालू के मुद्दे पर सरकार को विधायकों ने घेरा. मंत्री बादल पत्रलेख के जवाब से विधायक संतुष्ट नहीं हुए तो मंत्री आलमगीर आलम ने मामले को संभाला.

During budget session of Jharkhand Assembly, issue of sand raised inside house
During budget session of Jharkhand Assembly, issue of sand raised inside house

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Published : Mar 8, 2022, 8:39 PM IST

रांची: झारखंड में कैटेगरी-2 के तहत 608 बालू घाट हैं. इनमें से सिर्फ 22 बालू घाट का संचालन झारखंड राज्य खनिज विकास निगम कर रहा है. अब सवाल है कि शेष 586 बालू घाटों का संचालन कौन कर रहा है. आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो ने प्रश्नकाल के दौरान इस बाबत सरकार से पूछा तो प्रभारी मंत्री बादल पत्रलेख साफ-साफ जवाब नहीं दे पाए. प्रभारी मंत्री ने कहा कि शेष 586 बालू घाटों के लिए 15 दिन के भीतर जिला स्तर पर इंपैनलमेंट का काम पूरा कर निविदा निकाली जाएगी. बार-बार पूछे जाने पर प्रभारी मंत्री ने माना कि शेष 586 बालू घाटों का वैध रूप से संचालन नहीं हो रहा है. इसके बाद बालू की ढुलाई के दौरान पुलिस की ज्यादती को लेकर विपक्ष के साथ-साथ सत्ता पक्ष की तरफ से भी एक के बाद एक पूरक प्रश्न पूछे जाने लगे.

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भानु प्रताप शाही ने कहा कि बालू को निकालने के दौरान एनजीटी के निर्देशों का उल्लंघन हो रहा है. पूर्व में सरकार की घोषणा के बाद भी ट्रैक्टर पकड़े जा रहे हैं. इरफान अंसारी ने कहा कि उनके जिले में भी बड़े-बड़े हाईवा के जरिए बालू की अवैध तस्करी हो रही है. इस पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. जबकि छोटी गाड़ियों को पकड़ा जा रहा है. बाबूलाल मरांडी ने सुझाव दिया कि जब तक बालू घाटों के ऑक्शन का काम पूरा नहीं हो जाता, तब तक गृह निर्माण में इस्तेमाल बालू गाड़ियों को नहीं पकड़ना चाहिए. इस मसले को एनसीपी विधायक कमलेश सिंह ने भी जोर शोर से उठाया. सरयू राय ने भी सवाल खड़े किए. वहीं विधायक पुष्पा देवी ने कहा कि इससे बालों तस्करी की वजह से दरोगा लाल जी यादव की जान चली गई.

सदन में चौतरफा घिरने के बाद संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने मोर्चा संभाला. उन्होंने भरोसा दिलाया कि 15 दिन के भीतर सभी घाटों के इंपैनलमेंट की प्रक्रिया पूरी कर व्यवस्था को सुचारू कर दिया जाएगा. दूसरी तरफ प्रभारी मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि विभाग की तरफ से दोबारा सभी जिलों की पुलिस को निर्देश दे दिया जाएगा कि गृह निर्माण के लिए बालू लदे ट्रैक्टर को किसी भी हाल में नहीं पकड़ना है.

हालांकि सुदेश महतो ने अवैध खनन और जब्त गाड़ियों को लेकर की गई प्राथमिकी और राशि वसूली के आंकड़े का जिक्र करते हुए भी सरकार को घेरा. उन्होंने कहा कि सरकार के मुताबिक 2019-20 में अवैध खनन को लेकर 308 प्राथमिकी दर्ज हुई. 888 वाहन जब्त किए गये. इसके बदले 409 लाख रुपए वसूले गए. साल 2020-21 में 309 प्राथमिकी के अलावा 1082 वाहन जब्त किए गए. इसकी तुलना में 248 लाख की वसूली हुई. वही 2021-22 में 704 प्राथमिकी के अलावा 1325 वाहन जब्त किए गये. फिर भी 268 लाखों रुपए ही वसूल किए गए. सुदेश महतो ने कहा कि जब प्राथमिकी की संख्या के साथ साथ जब्त वाहनों की संख्या में इजाफा हुआ है तो फिर जुर्माने की राशि कम कैसे होती चली गई. हालांकि इस सवाल का जवाब प्रभारी मंत्री बादल पत्रलेख ने नहीं दिया.

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