झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

रांची: आस्था पर भारी कोरोना, दुकानदारों की आर्थिक स्थिति दयनीय - आस्था पर भारी कोरोना

कोरोना के लोगों के रोजगार पर भी काफी प्रभाव पड़ रहा है. रांची में भी दुर्गा पूजा के मेले में भव्य आयोजन ना होने से ठेले, खोमचे का व्यापार करने वाले व्यापारियों पर भी काफी आर्थिक प्रभाव पड़ा है.

durga puja effected due to corona in ranchi
durga puja effected due to corona in ranchi

By

Published : Oct 25, 2020, 8:02 PM IST

रांची: पूरे देश के साथ-साथ राजधानी रांची में भी इस वर्ष दुर्गा पूजा में लोगों की भीड़ कम देखी गई. कोरोना वायरस की वजह से ना तो पंडालों का निर्माण किया गया ना ही भव्य रुप से मेले का आयोजन हुआ, जिस वजह से मेले में ठेले, खोमचे लगाने वाले लोगों को निराशा और मायूसी देखनी पड़ी.

देखें पूरी खबर

सादगीपूर्ण तरीक से मेला का आयोजन

बांधगाड़ी दुर्गा पूजा समिति के अध्यक्ष रमेश गोप बताते हैं कि हर वर्ष की तरह इस साल भी दुर्गा पूजा को भव्य रूप से नहीं बनाया जा सका इसीलिए सांकेतिक रूप से पूजा का आयोजन किया जा रहा है. ताकि श्रद्धालु आकर मां का आशीर्वाद ले सकें. महाशक्ति दुर्गा पूजा समिति के सदस्य मुन्ना कामगार बताते हैं कि इस वर्ष भव्य रूप से आयोजन नहीं करने के कारण कहीं ना कहीं मेले से अपना घर चलाने वाले लोगों को काफी नुकसान हुआ है. उसके बावजूद भी मां की आराधना के लिए अपने अपने स्तर से सहयोग कर रहे हैं. वहीं मेले में बच्चों के लिए खिलौना बेच रहे दुकानदार बताते हैं कि इस वर्ष धंधा पूरी तरह चौपट हो गया है क्योंकि मेला में लोग घर से नहीं निकाल रहे हैं, उन्हें कोरोना का खौफ है. कोरोना के कारण उन्हें काफी परेशानियां झेलनी पड़ी.

ये भी पढ़े-SPECIAL: दुमका का एक गांव जहां दुर्गा के रूप में बेटियों की करते हैं पूजा, पश्चिम बंगाल तक से देखने आते हैं लोग

कोरोना से दुकान पर असर

मेले में छोला बेचने वाले दुकानदार बताते हैं कि कोरोना के कारण लोग बाहर का खाना खाने से बच रहे हैं, जबकि पिछले वर्ष लोग देर शाम तक घूमते थे और चाट-पकौड़े खाते हुए घर जाते थे. लेकिन इस बार कोरोना के कारण चाट और गोलगप्पे की बिक्री साफ बंद हो गई है.

बच्चों के मानसिक विकास पर प्रभाव

बच्चों को एहतियात के साथ मेला घुमाने आए एक के दो अभिभावक बताते हैं कि मेला लगने से बच्चों का मानसिक विकास भी होता था. लेकिन इस वर्ष मेला नहीं लगने के कारण बच्चे को बहुत कुछ देखने के लिए नहीं मिल पाया, जिससे वह सीख सकते थे.

लोगों में मायूसी

वहीं कुछ अभिभावकों ने बताया कि कोरोना के कारण बच्चे लगातार घर में बंद हैं और फिर मेले घूमने के उत्साह भी उनमें अब खत्म हो गया क्योंकि मेला नहीं लगने से बच्चे काफी मायूस हो चुके हैं. मेला समिति के अध्यक्ष श्वेता सिंह बताती हैं कि जिस प्रकार से कोरोना के कारण गरीब लोगों के व्यापार में नुकसान हुआ है. ऐसे में गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों को सरकार मुआवजा देने का काम करें. ताकि वो बेहतर तरीके से अपना जीवन यापन कर सकें.

ABOUT THE AUTHOR

...view details