रांची: न्यायिक हिरासत में रहने के दौरान मुख्यमंत्री के बरहेट विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा से बातचीत करने वाले साहिबगंज के डीएसपी राजेंद्र दुबे (DSP Rajendra Dubey) ईडी के समन के बावजूद गुरुवार को ईडी दफ्तर नहीं पहुंचे. रिम्स फोन कांड (RIMS phone Case) में ईडी ने पूछताछ के लिए डीएसपी को तलब किया था.
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ईडी ने जारी किया था समन:गुरुवार को साहिबगंज के डीएसपी राजेंद्र दूबे को ईडी के जोनल कार्यालय पहुंचना था, लेकिन वह एजेंसी के समक्ष उपस्थित नहीं हुए. गुरुवार को दिन भर ईडी के अधिकारी राजेंद्र दूबे का इंतजार करते रहे. ईडी इस मामले में डीएसपी के उपस्थित नहीं होने को काफी गंभीर मान रही है. इस मामले में ईडी आने वाले दिनों में कड़े फैसले लेने का मन बना रही है.
न वक्त मांगा न कोई पत्राचार:जानकारी के मुताबिक, डीएसपी राजेंद्र दूबे ने ईडी के समन पर कोई पत्राचार नहीं किया है. उन्होंने न तो एजेंसी से कोई वक्त मांगा है, ना ही उपस्थिति को लेकर कोई पत्राचार किया है. ऐसे में एजेंसी जल्द ही डीएसपी राजेंद्र दूबे समेत अन्य संदेहियों को दूसरा समन भेजेगी.
300 कॉल किए थे:मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के बरहेट विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा के न्यायिक हिरासत में रहने के दौरान फोन पर बातचीत करने के मामले में साहिबगंज डीएसपी राजेंद्र दूबे को ईडी के समक्ष हाजिर होना था. डीएसपी को ईडी ने आठ दिसंबर को दिन 11 बजे रांची जोनल ऑफिस आने का निर्देश दिया था. ईडी सूत्रों के मुताबिक, न्यायिक हिरासत में रहने के दौरान पंकज मिश्रा ने 300 से अधिक कॉल पुलिस अफसरों, नौकरशाहों व अन्य प्रभावशाली लोगों को किए थे. उन्होंने कई बार डीएसपी राजेंद्र दूबे से भी बात की थी. जानकारी के अनुसार पंकज मिश्रा ने न्यायिक हिरासत में रहते हुए डीएसपी से फोन पर बात की और उन्हें यह आदेश दिया था कि वह उनके खिलाफ गवाही देने वालों पर कानूनी कार्रवाई करें.