रांचीः झारखंड विधानसभा का बजट सत्र हंगामेदार होने के पूरे आसार हैं. दरअसल अजीबोगरीब परिस्थिति में एक तरफ जहां अभी तक प्रमुख विपक्षी दल के विधायक दल के नेता का नाम असेंबली में अपडेट नहीं हुआ है. वहीं दूसरी तरफ नेता प्रतिपक्ष को लेकर भी संशय बरकरार है. 28 फरवरी से शुरू होने वाले बजट सत्र को लेकर स्पीकर रवींद्रनाथ महतो ने गुरुवार को सभी दलों के विधायक दल के नेताओं को बुलाया था.
बैठक का मकसद बजट सत्र को सुचारू रूप से चलाने पर चर्चा करना था. हैरत की बात यह रही कि सत्ता पक्ष के अलावा विपक्ष के कुछ दलों के प्रतिनिधि शामिल हुए. वहीं प्रमुख विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी का कोई प्रतिनिधि बैठक में शामिल नहीं हुआ. दरअसल भाजपा में नेता विधायक दल को लेकर पेंच अभी तक असेंबली में फंसा हुआ है.
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नेता प्रतिपक्ष को लेकर लग सकता है समय
स्पीकर रवींद्रनाथ महतो ने इस बाबत कहा कि उन्होंने बीजेपी के वरिष्ठ नेता सीपी सिंह को बैठक में बुलाया था लेकिन सिंह ने तकनीकी कारणों का हवाला देकर बैठक में आने में असमर्थता जताई. स्पीकर ने कहा कि प्रतिपक्ष के नेता पर कानूनी सलाह के बाद इस बाबत कुछ कहेंगे. उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष के पास कई तरह के पत्र आते हैं. इसका यह तात्पर्य नहीं कि उन्हीं पत्रों के आधार पर कोई कार्रवाई की जाए. स्पीकर ने कहा कि वह उस मामले में कानूनी पक्ष जान समझकर नैसर्गिक न्याय करने की कोशिश करेंगे. उन्होंने कहा कि बीजेपी में हुई घटनाक्रम की कानूनी सलाह के बाद ही कोई निर्णय ले सकेंगे. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष को लेकर अभी और समय भी लग सकता है.
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