रांची: जिले के कुछ इलाकों से कोरोना के मामले सामने आने के बाद उन इलाकों में कंटेनमेंट और माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाया गया है. हालांकि ज्यादा मामले हिंदपीढ़ी क्षेत्र से जुड़े हुए हैं. ऐसे में जिला प्रशासन ने विशेष सावधानी बरती जा रही है. उपायुक्त राय महिमापत रे के निर्देश पर लगातार डोर टू डोर मेडिकल स्क्रीनिंग अभियान चलाया जा रहा है. जिसके लिए 30 से अधिक मेडिकल टीमों की तैनाती की गई है.
वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में मेडिकल स्क्रीनिंग के लिए अलग से टीमों की तैनाती की गई है. जिसमें मेडिकल टीम के डॉक्टर, एएनएम और सहिया को सम्मिलित किया गया है. इसके तहत घर-घर जाकर संभावित लक्षणों के बारे में जानकारी ली जा रही है. इसके साथ ही इंफ्रारेड थर्मल स्कैनर से बॉडी टेंपरेचर की जांच की जा रही है और ग्रामीण इलाकों में मेडिकल स्क्रीनिंग की प्रक्रिया की निगरानी के लिए मजिस्ट्रेट और स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों को लगाया गया है.
ग्रामीण इलाके में शुरू हुई डोर टू डोर मेडिकल स्क्रीनिंग, SDO ने की सहयोग देने की अपील
कोविड-19 के प्रसार के रोकथाम के लिए रांची में लॉकडाउन जारी है. इसके साथ ही मंगलवार को सदर एसडीओ लोकेश मिश्रा की निगरानी में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने हिंदपीढ़ी और शहर के कई इलाकों में घर-घर जाकर मेडिकल स्क्रीनिंग की. इसके साथ ही ग्रामीण इलाकों में भी मेडिकल स्क्रीनिंग शुरू कर दी गई है. जिससे कोरोना के लक्षण वाले संभावित लोगों की पहचान हो सके.
ये भी देखें- SPECIAL: दिमाग के अंदर घुसा कोरोना! लोग भीतर से हो रहे बीमार
सदर एसडीओ लोकेश मिश्रा ने कहा है कि कोरोना वायरस के संभावित प्रसार को देखते हुए सभी क्षेत्रों में मेडिकल स्क्रीनिंग का कार्य किया जा रहा है ताकि कोरोना संदिग्ध की पहचान हो सके. उन्होंने आम लोगों से अपील की है कि अगर उनके घर तक कोई जिला प्रशासन भेजी गई मेडिकल टीम पूछताछ के लिए पहुंचती है तो उनका सहयोग करें. जिससे लोग खुद को और दूसरों को भी बचा सकते हैं. इसके साथ ही उन्होंने पीपी कंपाउंड के लोगों का मेडिकल टीम को सहयोग करने पर धन्यवाद दिया है.