रांची: पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की चेतावनी के बाद बंगाल सहित पूरे देश के कई राज्यों में डॉक्टरों का विरोध लगातार जारी है. इसी को लेकर रिम्स में भी जूनियर डॉक्टरों ने संगठित होकर बंगाल में डॉक्टरों पर हुए हमले को लेकर विरोध जताया.
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बंगाल में डॉक्टरों पर हुए हमले को लेकर रिम्स में भी जूनियर डॉक्टरों ने संगठित होकर विरोध जताया. डॉक्टरों ने समाज के लोगों से मांग की है कि डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर अपने जनप्रतिनिधियों पर दबाव बनाएं, क्योंकि डॉक्टर सुरक्षित होंगे तभी राज्य की जनता स्वस्थ रहेगी.
जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष अजीत कुमार ने बताया कि यह विरोध ऑल इंडिया रेजिडेंट डॉक्टर्स के आह्वान पर किया जा रहा है. जिस प्रकार से बंगाल में सरकार द्वारा सुरक्षा को लेकर दमनकारी रवैया दिखाया जा रहा है, इससे हम सभी डॉक्टर समाज के लोगों से मांग करते हैं कि हम डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर अपने जनप्रतिनिधियों पर दबाव बनाएं, क्योंकि डॉक्टर सुरक्षित होंगे तभी राज्य की जनता स्वस्थ रहेगी.
वहीं, देर शाम रिम्स में रेजिडेंट और जूनियर डॉक्टर ने अपनी सुरक्षा को लेकर मेडिकल चौक से रिम्स के निदेशक कार्यालय तक मार्च निकाला और सीनियर डॉक्टरों ने भी उनका समर्थन किया. वहीं, डॉक्टरों के कार्य बहिष्कार के बाद ओपीडी सेवा बंद कर दी गई है. मरीज ओपीडी के बाहर बैठे रहे, लेकिन किसी ने उनका इलाज नहीं किया और मरीजों को वापस मायूस लौटना पड़ा. गिरिडीह के बगोदर से आए मरीज़ बताते हैं कि वह अपने बच्चे की आंख का इलाज कराने अपने गांव से रांची आए हुए हैं, लेकिन यहां डॉक्टरों द्वारा कार्य बहिष्कार किए जाने को लेकर बच्चे का इलाज नहीं हो पाया. मार्च के दौरान डॉक्टरों ने अपनी सुरक्षा के लिये झारखंड सरकार से मेडिकल प्रोटेक्शन बिल को भी लागू करने की अपील की.