रांची: राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (रिम्स) के न्यूरोसर्जरी और प्लास्टिक सर्जरी विभाग के डॉक्टरों ने बुधवार को एक जटिल ऑपेरशन किया है. रिम्स के डॉक्टरों ने सफलता पूर्वक ऑपरेशन कर के चाईबासा की 17 वर्षीय युवती की न सिर्फ जान बचाई, बल्कि उसे चलने-फिरने के लायक बना दिया.
प्लेक्सीफॉर्म न्यूरोफाइब्रोमैटोसिस बीमारी से पीड़ित थी युवतीः चाईबासा जिले की रहने वाली युवती को जन्म से ही सिर और गर्दन के पूछे के एक ट्यूमर था. इस कारण उसे काफी परेशानी होती थी. लगातार ट्यूमर का आकार बढ़ने की वजह से पीड़ित युवती को चलने-फिरने, सिर और गर्दन हिलाने तक में तकलीफ होती थी. मेडिकल की भाषा में इस बीमारी को प्लेक्सीफॉर्म न्यूरोफाइब्रोमैटोसिस कहा जाता है.
कई अस्पतालों का चक्कर काट चुके थे युवती के परिजनः युवती के परिजनों ने कई अस्पतालों में इस बीमारी का इलाज कराने की कोशिश की, लेकिन ऑपरेशन की जटिलता को देखते हुए कोई भी अस्पताल ऑपेरशन के लिए तैयार नहीं हुआ. इसके बाद पिछले दिनों युवती को रिम्स के न्यूरो सर्जरी विभाग के एचओडी (डॉ) सीबी सहाय की यूनिट में भर्ती कराया गया था. जहां न्यूरो सर्जरी और प्लास्टिक सर्जरी के एचओडी की संयुक्त टीम बनाकर पीड़ित युवती के रोग को लेकर विस्तृत चर्चा के बाद ऑपेरशन करने की रणनीति बनाई गई.
बुधवार को रिम्स के डॉक्टों ने किया सफल ऑपरेशनःइसके बाद बुधवार को दोनों विभाग के एचओडी के डॉक्टरों की टीम ने कई घंटों तक चले इस जटिल ऑपरेशन के दौरान ट्यूमर को शरीर से अलग किया. इस संबंध में डॉ सीबी सहाय ने बताया कि ट्यूमर का आकार काफी बड़ा था. रक्तस्राव वाला ट्यूमर होने के चलते ऑपेरशन के दौरान जटिलता का सामना भी करना पड़ा. बावजूद इसके घंटों चले इस ऑपेरशन को सफलता पूर्वक पूरा किया गया. डॉ सीबी सहाय ने कहा कि मरीज की स्थिति अभी बेहतर है और पूरी तरह स्वस्थ होने पर मरीज को डिस्चार्ज किया जाएगा.