रांची: झारखंड में सेवा से लंबे समय से गायब डॉक्टरों को बर्खास्त किया जाएगा. सरकार ने ऐसे 60 डॉक्टरों की सूची तैयार कर ली है. बिना वैध कारण बताए लंबे समय से सेवा से गायब डॉक्टरों की सेवा समाप्त कर दी जाएगी. उनका लाइसेंस रद्द करने के लिए राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग को भी स्वास्थ्य विभाग आग्रह करेगा. नवनियुक्त 133 चिकित्सा पदाधिकारियों के विशेष प्रशिक्षण समापन के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने कही.
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स्वास्थ्य मंत्री ने 133 चिकित्सा पदाधिकारियों को जनता की सेवा करने की दी सीख:जेपीएससी की अनुशंसा पर नवनियुक्त 172 चिकित्सा पदाधिकारियों में से 133 चिकित्सा पदाधिकारियों के पांच दिवसीय विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुक्रवार को समापन हो गया. नामकुम स्थित स्वास्थ्य मुख्यालय में अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अरुण कुमार सिंह, एनएचएम के निदेशक भुवनेश प्रताप सिंह और स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने विशेष प्रशिक्षित चिकित्सा पदाधिकारियों को प्रमाण-पत्र प्रदान किया. विशेष प्रशिक्षण में नवनियुक्त चिकित्सा पदाधिकारियों को प्रबंधकीय जानकारी दी गई है. इसके साथ स्वास्थ्य विभाग में बतौर चिकित्सा पदाधिकारी को किन-किन दायित्वों का निर्वहन करना होगा, इसकी जानकारी दी गई. सरकारी सेवा में आए इन चिकित्सा पदाधिकारियों को स्वास्थ्य विभाग की फ्लैगशिप योजनाओं की भी जानकारी पांच दिवसीय प्रशिक्षण में दी गई है.
नवनियुक्त चिकित्सकों को विभाग की योजनाओं की दी गई जानकारीःकार्यक्रम के दौरान स्वास्थ्य निदेशक प्रमुख डॉ बीपी सिंह ने कहा कि पहली बार ऐसा हुआ है कि नवनियुक्त चिकित्सा पदाधिकारियों की सेवा के प्रारंभ में ही सरकार की सभी स्वास्थ्य योजनाओं की जानकारी दी गई है. वहीं मेडिको लीगल केस को लेकर भी इन्हें जानकारी दी गई है.
लंबे समय से गायब चिकित्सकों को बर्खास्त किया जाएगाःअपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अरुण कुमार सिंह ने कहा कि इस तरह का विशेष प्रशिक्षण की जरूरत इसलिए है, क्योंकि जब आप मेडिकल की पढ़ाई कर सरकारी सेवा में जाते हैं तो नए परिवेश में सरकारी प्रक्रियाओं की जानकारी होना जरूरी है. सरकारी सेवा में इंद्रियां यानी नाक, कान को हमेशा खुला रखना होता है. उन्होंने कहा कि बहुत असहज स्थिति होती है जब चिकित्सक अस्पताल से गायब रहते हैं और निजी प्रैक्टिस को ज्यादा प्राथमिकता देते हैं. विभाग ऐसे 60 डॉक्टर्स जो सेवा से लंबे दिनों से गायब हैं उन्हें बर्खास्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इन डॉक्टरों का लाइसेंस रद्द करने के लिए भी नेशनल मेडिकल कमीशन को लिखा गया है.
आत्मा और परमात्मा के मिलन वाला विभाग है स्वास्थ्य महकमा:स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि हम स्वास्थ्य के मामले में राज्य की जनता को सुकून में देखना चाहते हैं. जो नव नियुक्त डॉक्टर्स जनसेवा में जा रहे हैं उनके ऊपर बड़ा दायित्व है. विभाग में मानव संसाधन की कमी को दूर करने के लिए सरकार प्रयत्नशील है. आप समाज में अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति के लिए किसी भगवान से कम नहीं हैं. मंत्री ने कहा कि आपने कोई साधारण पेशा को नहीं अपनाया है. आप वैसे विभाग में हैं जहां इंसान का जीवन आपके हाथों में होता है. जो चिकित्सक मरीजों से दिल का रिश्ता जोड़ लेता है वहां मां लक्ष्मी का खुद ब खुद आगमन होता है.