रांची: दुर्गा पूजा को लेकर राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में सारे इंतजाम (Preparation in RIMS Emergency Ward) कर लिए गए हैं. खासकर अष्टमी नवमी और दशमी को लेकर इमरजेंसी वार्ड में डॉक्टरों की तैनाती कर दी गई है. जिससे दुर्गा पूजा विसर्जन और पूजा पाठ के दौरान होने वाली दुर्घटनाओं में लोगों को सही समय पर इलाज मिल सके.
इसको लेकर रिम्स अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ एसके त्रिपाठी (RIMS Deputy Superintendent Dr SK Tripathi) बताते हैं कि दुर्गा पूजा के दौरान इमरजेंसी में गंभीर मरीज आने की संभावना बढ़ जाती है. क्योंकि अष्टमी, नवमी और दशमी पर युवा मौज मस्ती के दौरान लापरवाही बरतते हैं, जिस वजह से कई तरह की दुर्घटनाएं देखने को मिलती हैं. ऐसे मौकों पर उनको तत्काल ट्रीटमेंट दिया जा सके. उपाधीक्षक ने बताया कि रिम्स के ट्रॉमा सेंटर में दिन और रात के लिए डॉक्टरों को ड्यूटी (doctors and paramedical staff deployed) लगा दी गई है. जो भी मरीज गंभीर परिस्थिति में रिम्स अस्पताल लाए जाएंगे, उन्हें इमरजेंसी में बेहतर इलाज मिल पाएगा.
डॉ. एसके त्रिपाठी, उपाधीक्षक, रिम्स उन्होंने बताया कि दुर्गा पूजा को लेकर ऑर्थो विभाग, न्यूरो विभाग सहित अन्य सर्जरी के चिकित्सकों को दुर्गा पूजा में ड्यूटी लगाई गई है. वहीं पारा मेडिकल स्टाफ और सुरक्षाकर्मियों को भी दुर्गा पूजा को देखते हुए अस्पताल के विभिन्न जगहों पर ड्यूटी निर्धारित (staff deployed in RIMS for Durga Puja) किया गया है. डॉ शैलेश कुमार त्रिपाठी ने बताया कि 3 दिनों तक ओपीडी में भी मरीज कम आते हैं, क्योंकि पूजा के दौरान कई बार ओपीडी के मरीज अस्पताल नहीं आते हैं. ओपीडी में अमूमन वैसे ही मरीज आते हैं, जो गंभीर स्थिति में नहीं होते हैं या जो दो चार दिन बाद भी आवश्यकता अनुसार डॉक्टर से दिखा सकते हैं.
वहीं पूजा के दौरान कई चिकित्सकों को छुट्टी मिली है, जिस वजह से ओपीडी में डॉक्टरों की कमी जरूर है. लेकिन इमरजेंसी विभाग की बात करें तो वहां पर चिकित्सकों की संख्या और उनकी तैनाती में कोई कमी नहीं रखी गई है. वहीं स्वास्थ्य विभाग की तरफ से पंडालों में भी कर्मचारियों की तैनाती की जाएगी ताकि पंडाल में घूमने आए लोगों को मेडिकल इमरजेंसी की सुविधा मिल सके. वहीं इन सबके अलावा दुर्गा पूजा में रिम्स में इलाज करा रहे मरीज और उनके परिजनों के लिए खाने में भी रिम्स किचन की तरफ से विशेष इंतजाम किए गए हैं. डॉ. शैलेश कुमार त्रिपाठी ने बताया कि दुर्गा पूजा के मौके पर जो मरीज रिम्स में भर्ती हैं. उनके लिए मिठाई और अन्य मिष्ठान का इंतजाम किया जाएगा जो शुगर फ्री हो ताकि मरीजों को भी कोई नुकसान ना हो सके.
अस्पताल में अपने मरीज का इलाज करा रहे परिजन बताते हैं कि दुर्गा पूजा में अमूमन वार्ड के अंदर मरीज और उसके परिजन को यह पता नहीं चल पाता कि दुर्गा पूजा का आज कौन सा विशेष दिन है. ऐसे में रिम्स प्रबंधन की तरफ से की गई इस तरह के इंतजाम निश्चित रूप से मरीज और उनके परिजनों के बीच एक सकारात्मक सोच पैदा करेगी. डॉ. शैलेश कुमार त्रिपाठी ने बताया कि भले ही पूजा के दौरान ओपीडी में मरीजों की संख्या कम हो लेकिन हमारे डॉक्टर पूजा में भी ओपीडी में बैठेंगे. सरकारी कैलेंडर के हिसाब से साल भर में मात्र दस दिन ओपीडी बंद करने का दिशा निर्देश है. उस 10 दिन के अलावा आम मरीजों के लिए ओपीडी के सेवा बदस्तूर जारी रहती है.