रांची: दीपावली पर पूरे झारखंड सहित राजधानी रांची में लोगों ने जमकर आतिशबाजी की. जिसका दुष्प्रभाव वातावरण पर पड़ा है. आतिशबाजी की वजह से 13 नवंबर की अहले सुबह आसमान काला नजर आया. वहीं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी आंकड़े के अनुसार इस वर्ष ध्वनि प्रदूषण सबसे ज्यादा देखने को मिला. ध्वनि प्रदूषण को मापने के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के द्वारा पूरी रांची को तीन जोन में बांटा गया था. जिसमें साइलेंस एरिया, कमर्शियल एरिया और रेसिडेंशियल एरिया बनाए गए थे.
साइलेंस एरिया में सबसे अधिक ध्वनि प्रदूषणः प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार इस बार सबसे ज्यादा ध्वनि प्रदूषण साइलेंस एरिया में ही हुआ है. साइलेंस एरिया में रांची के बरियातू स्थित रिम्स के पास मेडिकल चौक को सम्मिलित किया गया था, लेकिन साइलेंस एरिया में दीपावली के दिन ध्वनि का लेवल 52.8 डेसीबल सुबह से दोपहर के समय में रहा तो वहीं देर रात 55.6 डेसीबल ध्वनि का लेवल मापा गया. जबकि मानक के अनुसार साइलेंस एरिया में सुबह के समय ध्वनि 50 डेसीबल होना चाहिए और शाम के समय में 40 डेसीबल होना चाहिए. झारखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के द्वारा जारी किए गए आंकड़े में साइलेंस एरिया के क्षेत्र में ध्वनि प्रदूषण का लेवल तय मानक से काफी ज्यादा रहा.
रेसिडेंशियल एरिया में ये रही ध्वनि प्रदूषण की स्थितिः वहीं रिहायशी और रेसिडेंशियल एरिया की बात करें तो जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार दिन के समय में 64.8 डेसीबल ध्वनि का लेवल मापा गया तो वहीं रात के समय में 67.9 डेसिबल ध्वनि का लेवल मापा गया है. जबकि मानक के अनुसार रिहायशी और रेसिडेंशियल क्षेत्र में दिन के समय में 65 डेसीबल ध्वनि लेवल होना चाहिए, जबकि देर शाम के समय में 55 डेसिबल ध्वनि का लेवल होना चाहिए.
व्यवसायिक एरिया में भी ध्वनि प्रदूषण तय मानक से अधिकः वहीं व्यवसायिक क्षेत्र की बात करें तो रांची के व्यवसायिक क्षेत्र में अल्बर्ट एक्का चौक, लालपुर चौक और रातू रोड चौक को शामिल किया गया था. झारखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार इन सभी क्षेत्रों में मानक से काफी ज्यादा ध्वनि प्रदूषण देखा गया.औद्योगिक क्षेत्र में दिन और रात के समय में 80 से 82 डेसिबल ध्वनि का लेवल देखा गया,जबकि इन क्षेत्रों में 75 से 70 डेसिबल मानक के अनुसार ध्वनि का लेवल होना चाहिए.