रांची:कहते हैं भारत दो तरह का है, एक अमीर और दूसरा गरीब. ऐसे लोगों के लिए त्योहारों के खास मायने नहीं हैं (diwali celebration for poor in ranchi). झारखंड की राजधानी रांची में भी भारत की ऐसी तस्वीरें आम हैं. दिवाली पर भी ऐसी कहानी सामने आई. आइये उन्हीं की कहानी सुनाते हैं.
मजदूरों के लिए दिवाली के मायने उन्हीं की जुबानी, पढ़िए पूरी रिपोर्ट - मजदूरों के लिए दिवाली के मायने
राजधानी रांची में दो भारत दिखाई देता है, एक जिसके पास हर आराम जुटाने की सामर्थ्य है, जिसके लिए त्योहार का सेलिब्रेशन अलग मौका है, लेकिन दूसरे के लिए परिवार के लिए रोटी जुटाना भी किसी त्योहार से कम नहीं है. रांची में मजदूरों के लिए क्या हैं दिवाली 2022 सेलिब्रेशन के मायने (diwali celebration for poor in ranchi), जानने के लिए पढ़िए पूरी रिपोर्ट
![मजदूरों के लिए दिवाली के मायने उन्हीं की जुबानी, पढ़िए पूरी रिपोर्ट Diwali 2022 Celebration for poor in Ranchi](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-16736641-863-16736641-1666631023670.jpg)
मजदूरों के लिए दिवाली के मायने
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दीपावली के मौके पर ईटीवी भारत की टीम ने जब शहर के ठेले चालक, रिक्शा चालक और मजदूरों वर्ग के लोगों से बात की तो उन्होंने ईटीवी की टीम से अपनी पीड़ा साझा करते हुए कहा कि उनके लिए दीपावली और धनतेरस सिर्फ आम तारीख की तरह है क्योंकि वह लोग रोज कमाने और रोज खाने वाले हैं.
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