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डीवीसी और जेबीवीएनएल के बीच बकाया राशि को लेकर विवाद, डीवीसी ने कई जिलों में शुरू की बिजली कटौती - Payment of outstanding balance

झारखंड सरकार के पास डीवीसी का 5 हजार करोड़ रुपए बकाया है. बकाया राशि भुगतान नहीं होने पर डीवीसी ने राज्य के कई जिलों में बिजली कटौती शुरू कर दी है. इसे लेकर जेबीवीएनएल ने डीवीसी के अधिकारियों को आपत्ति दर्ज कराई है.

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डीवीसी और जेबीवीएनएल के बीच विवाद

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Published : Dec 22, 2020, 4:58 PM IST

रांची:दामोदर वैली कॉरपोरेशन और जेबीवीएनएल के बीच मामला फिर से फंसता जा रहा है. अपने बकाया राशि को लेकर दामोदर वैली कॉरपोरेशन (डीवीसी) ने एक बार फिर से राज्य के कई जिलों में बिजली कटौती शुरू कर दी है, जिसको लेकर झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड ने आपत्ति दर्ज कराई है. झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड ने डीवीसी के अधिकारियों को आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा है कि जब लगातार बकाया राशि का भुगतान किया जा रहा है, तो डीवीसी किस आधार पर राज्य के विभिन्न जिलों में बिजली कटौती कर रही है.

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लोगों को हो सकती है बिजली की समस्या
जेबीवीएनएल के पीआरओ एमपी यादव ने बताया कि डीवीसी को जेबीवीएनएल के ओर से प्रतिमाह डेढ़ सौ करोड़ रुपए का इंस्टॉलमेंट दिया जाता है, लेकिन वर्तमान में कोविड के कारण राजस्व वसूली में कमी आई है, जिसको लेकर कुछ पेमेंट बकाया रह गया है. 13 और 14 दिसंबर को डीवीसी ने एक लेटर जारी किया था, जिसमें बकाया राशि की मांग की गई थी, जिसके बाद जेबीवीएनएल के वरिष्ठ अधिकारियों के ने जवाब देते हुए 20 तारीख तक का समय मांगा था. जेबीवीएनएल और राज्य सरकार के ओर से कुछ पेमेंट भी कर दिए गए हैं, लेकिन उसके बावजूद भी अगर राज्य के जिलों में बिजली कटौती की जाती है तो इससे निश्चित रूप से राज्य वासियों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. इसे लेकर जेबीवीएनएल ने आपत्ति दर्ज कराई है.


झारखंड सरकार के पास 5 हजार करोड़ बकाया
वहीं डीवीसी के अधिकारियों का कहना है कि लगभग 5 हजार करोड़ रुपए झारखंड सरकार के पास अभी भी बकाया है, जिसमें कुछ रुपए ही दिए गए हैं, जिसको लेकर डीवीसी बिजली देने में असमर्थ हो रहा है, इसलिए सरकार को चिट्ठी जारी कर यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि जल्द से जल्द बकाया राशि का भुगतान करें, अन्यथा पूरे राज्य में डीवीसी की तरफ से जो भी बिजली आपूर्ति की जा रही उसे मजबूरन बंद कर दिया जाएगा.

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डीवीसी ने शुरू की 180 मेगावाट बिजली कटौती
जानकारी के अनुसार जेबीवीएनएल के तरफ से बकाया राशि नहीं देने पर वर्तमान में डीवीसी ने 180 मेगावाट बिजली की कटौती शुरू कर दी है. अगर जल्द से जल्द राज्य सरकार बकाया राशि का भुगतान नहीं करती है तो आठ फरवरी के बाद डीवीसी के तरफ से राज्य सरकार को बिजली मुहैया कराना बंद कर दिया जाएगा. डीवीसी के तरफ से पूरे राज्य में लगभग 700 मेगावाट बिजली का वितरण किया जाता है, जिससे राज्य के कई जिलों में लोगों को बिजली मुहैया हो पा रहा है. अगर डीवीसी बिजली मुहैया कराना बंद कर देती है तो झारखंड के कई जिलों के लोगों को बिजली की समस्या हो सकती है.

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