झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर विस्थापन आयोग का हो गठन- भुवनेश्वर मेहता - झारखंड खबर

सीपीआई नेता भुवनेश्वर मेहता ने राज्य में जल्द से जल्द विस्थापन आयोग के गठन की मांग की है. उन्होंने कहा कि अगर जरूरी हो तो इसके लिए विधानसभा का विशेष सत्र भी बुलाएं लेकिन एक महीने के अंदर आयोग का गठन होना चाहिए.

Bhuvneshwar Mehta
भुवनेश्वर मेहता

By

Published : Oct 16, 2021, 9:42 PM IST

रांची: विस्थापन और पलायन झारखंड के लिए दिन प्रतिदिन एक बड़ी समस्या बनती जा रही है. यह बातें भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव और हजारीबाग के पूर्व सांसद भुवनेश्वर प्रसाद मेहता ने पत्रकारों से बात करते हुए कही.

ये भी पढ़ें-विस्थापितों के प्रति झारखंड सरकार गंभीर, CM ने कहा- बनेगा विस्थापन आयोग


उन्होंने कहा कि झारखंड में विस्थापन एक अभिशाप है. क्योंकि डीवीसी, सीसीएल, बीसीसीएल, एचईसी सहित एक दर्जन से अधिक कल कारखाने राज्य में खोले गए, जिसमें कौड़ी के दाम में किसानों की जमीन ले ली गई. लेकिन किसानों को अपनी जमीन के बदले अब तक उचित मुआवजा नहीं मिल पाया. जिन लोगों का भी विस्थापन हुआ उनके जीवन स्तर में कोई सुधार नहीं हो पाया.

सीपीआई नेता भुवनेश्वर मेहता

पूर्व सांसद भुवनेश्वर मेहता ने कहा कि अंग्रेजों के द्वारा बनाए गए भूमि अधिग्रहण कानून के तहत किसानों की जमीन सरकार ने जबरन लूट ली. झारखंड की बात करें तो अब तक 5 लाख से ज्यादा लोग विस्थापित हुए हैं. उन्होंने बताया कि झारखंड के गठन के 21 साल बाद भी राज्य में विस्थापितों के लिए किसी सरकार ने कोई सकारात्मक पहल नहीं की है. लेकिन अब वामदल विस्थापितों और पलायन कर रहे लोगों को अपना हक दिलाने के लिए मजबूत कदम उठा रहा है. इसलिए सरकार से यह मांग करता है कि विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर विस्थापन आयोग का गठन किया जाए. ताकि सरकार से विस्थापितों को उनका हक दिलाया जा सके.

ये भी पढ़ें-विधायक बंधु तिर्की ने सदन में विस्थापन आयोग गठन की मांग की, सीएम से भी मिला सकारात्मक आश्वासन

उन्होंने कहा कि इसी को लेकर आगामी 23 अक्टूबर को विस्थापितों की परेशानी पर एक सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें बड़े पैमाने पर आंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी. इस सेमिनार में कई राजनीतिक दल और सामाजिक संगठन शामिल होंगे और उसमें यह चर्चा की जाएगी कि आखिर किस वजह से झारखंड के विस्थापितों को उनका हक नहीं मिल पाया है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details