रांची: झारखंड में पेशा कानून को लेकर एक अधिनियम बनाकर राज्य के चिन्हित जिलों में इस कानून को धरातल पर उतारने की मांग विभिन्न संगठनों द्वारा लगातार उठाया जाता रहा है. अब तक इस दिशा में किसी भी तरह की कोई पहल नहीं हुई है. पंचायतों में अनुसूचित क्षेत्रों में पेशा कानून को लागू करना अनिवार्य है. दुर्भाग्य की बात यह है कि झारखंड में अब तक पेशा कानून लागू ही नहीं हुआ है.
पेशा कानून को लेकर परिचर्चा, जल्द से जल्द झारखंड के चिन्हित जिलों में लागू करने की मांग
राजधानी रांची स्थित टीआरआई भवन में आदिवासी बुद्धिजीवी मंच के तत्वाधान में पेशा कानून की जानकारी देने के उद्देश्य से एक दिवसीय राज्य स्तरीय सेमिनार का आयोजन किया गया. इस सेमिनार में कई बुद्धिजीवी, शिक्षाविद और पेशा कानून से जुड़े विशेषज्ञ शामिल हुए. पेशा कानून को राज्य के चिन्हित जिलों में लागू करने की मांग की गई.
इस मौके पर राज्य के विभिन्न जिलों से बुद्धिजीवी मंच से जुड़े शिक्षाविद और पेशा कानून के विशेषज्ञ शामिल हुए. मौके पर विशेषज्ञों द्वारा चर्चा के दौरान कहा गया कि संविधान में पंचायतों और नगर पालिकाओं की व्यवस्था की गई है. यह एक राहत की बात है. यह दोनों ही व्यवस्था गैर जनजातीय व्यवस्था है और संविधान के द्वारा पांचवी अनुसूचित क्षेत्रों में इसकी स्थापना पर रोक लगाई गई है.
कहीं ना कहीं यह निर्णय पेशा कानून को संरक्षित करता है. इस अवसर पर एक नियमावली के तहत पेशा कानून को झारखंड में लागू करने की मांग उठी. वहीं, पेशा कानून के संबंध में लोगों को इस दौरान जागरूक करने का भी प्रयास किया गया.