रांची:सदन में मंगलवार को ग्रामीण विकास विभाग, पथ निर्माण विभाग, नगर विकास विभाग और भवन निर्माण विभाग के अनुदान मांगों पर भोजन अवकाश के बाद चर्चा हुई. अनुदान मांगों पर भाजपा विधायक रामचंद्र चंद्रवंशी ने कटौती प्रस्ताव पेश किया. उन्होंने चारों विभाग की कई खामियां गिनाई और कुछ सुझाव भी दिए. उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती रघुवर सरकार की योजनाओं का नाम बदलकर सरकार वाहवाही लूट रही है. रामचंद्र चंद्रवंशी ने समय पर पंचायत चुनाव कराने की भी मांग की. उन्होंने कहा कि विधायकों को क्वार्टर रिपेयरिंग के नाम पर 4 लाख रुपए मिल रहे हैं जबकि किसी को 1 करोड़ रुपए दिए जा रहे हैं.
कटौती प्रस्ताव वापस लेने के लिए चंद्रवंशी ने रखी शर्त
कटौती प्रस्ताव के विरोध में सीता सोरेन, प्रदीप यादव, अमित यादव, विनोद सिंह, वैद्यनाथ राम और इरफान अंसारी ने अपना पक्ष रखा. मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि अच्छा होता कि सभी विधायक अपने फंड के दो करोड़ रुपए विभाग को देते. ऐसा होने पर उनके क्षेत्र में विकास के कई काम विभाग की तरफ से करा दिया जाता. सरकार की तरफ से मंत्री का जवाब आने के बाद स्पीकर ने जब कटौती प्रस्ताव वापस लेने को कहा तो रामचंद्र चंद्रवंशी ने एक शर्त रख दी. उन्होंने कहा कि विधायक फंड की राशि चार करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़ कर दी जाएगी तो वह अपना कटौती प्रस्ताव वापस लेंगे. इसके बाद स्पीकर ने मतदान कराया और सर्वसम्मति से अनुदान मांग स्वीकृत हो गया.
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कोरोना के चलते हुई दिक्कत
मंत्री आलमगीर आलम ने सदन में कहा कि यह बताने की जरूरत नहीं कि पिछले साल जब बजट पेश हुआ था तो उसके ठीक अगले दिन से वैश्विक महामारी के कारण किस तरह की परिस्थिति बनी थी. विपरीत हालात में सरकार ने प्रवासियों को लाने और ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार देने के लिए तमाम उपाय किए जिसकी राष्ट्रीय स्तर पर सराहना हुई. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार जर्जर सड़कों को बनवाने पर जोर दे रही है. जल संरक्षण और फलदार वृक्ष लगाने की दिशा में बहुत सकारात्मक काम हुए हैं.