रांची: राज्य सरकार ने 20 अक्टूबर को ही इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए अपनी झारखंड ईवी पॉलिसी (Jharkhand EV Policy) का एलान कर दिया है. अब सरकार का लक्ष्य है कि 2026 तक राज्य में कुल वाहनों में 10 प्रतिशत इलेक्ट्रिक व्हीकल हो. सरकार ने इन वाहनों की खरीदारी करने पर 10 हजार से लेकर 20 लाख रुपये तक की छूट (Discount on buying electric vehicles) देने की घोषणा की है. रोड टैक्स और परमिट पर भी रियायत दी जाएगी. राज्य सरकार के कर्मियों को इलेक्ट्रिक दोपहिया या चारपहिया वाहन खरीदने पर 100 फीसदी इंटरेस्ट सब्सिडी दी जाएगी.
ये भी पढ़ें-ऑटो एक्सपो में इलेक्ट्रिक स्कूटी : 4 घंटे चार्ज करने पर 100 किलोमीटर तक का सफर
सरकार की तरफ से कहा गया है कि ग्राहक इलेक्ट्रिक कार खरीदने पर 1.50 लाख रुपये तक की छूट का लाभ हासिल कर सकेंगे. इलेक्ट्रिक टू व्हीलर पर 10 हजार रुपये तक का डिस्काउंट मिलेगा. कॉमर्शियल उद्देश्य से इलेक्ट्रिक ऑटो की खरीद पर 30 हजार रुपये की छूट हासिल होगी. सरकार चाहती है कि राज्य में ई-बसों का बड़े पैमाने पर परिचालन हो. लिहाजा, ऐसी बसों की खरीदारी पर लगभग 20 लाख रुपये तक की छूट मिल सकती है.
छूट की इन योजनाओं का सबसे ज्यादा लाभ सबसे पहले खरीदारी करने वाले ग्राहकों को मिलेगा. इवी के पहले 10 हजार खरीदार को 100 प्रतिशत, 10 से 15 हजार खरीदारों को 75 प्रतिशत और इसके बाद खरीदारी करने वालों 25 फीसदी तक की छूट दी जा सकती है. पॉलिसी में यह व्यवस्था की गई है कि खरीदारों को किसी भी स्थिति में कुल कीमत के लिहाज से 10 प्रतिशत की छूट उपभोक्ताओं को मिलेगी. इसमें वाहन पंजीकरण शुल्क और रोड टैक्स से पूर्ण छूट का भी एलान किया गया है.
सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनियों को झारखंड में प्रोडक्शन यूनिट लगाने पर आकर्षक ऑफर का एलान किया है. ऐसी कंपनियों को दो करोड़ से लेकर 30 करोड़ रुपये तक की सब्सिडी दी जाएगी. यह लाभ हासिल करने के लिए उन्हें झारखंड की ईवी पॉलिसी के लॉन्च के बाद से पहले दो वर्षों के भीतर राज्य में प्रोडक्शन यूनिट लगानी होगी.
सरकार का लक्ष्य है कि 2027 तक राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए एडवांस केमेस्ट्री सेल बैटरी का भी उत्पादन शुरू हो जाए. सरकार की योजना के मुताबिक हर तीन किमी के दायरे में एक चाजिर्ंग स्टेशन और नेशनल हाईवे पर हर 24 किलोमीटर की दूरी पर चाजिर्ंग स्टेशन लगाये जायेंगे. शहरी क्षेत्रों में हर 10 लाख की आबादी पर 50 चाजिर्ंग स्टेशन खोलने की तैयारी है. यह पॉलिसी पांच सालों के लिए लागू की गई है. सरकारी कार्यालयों में भी कार्यालय इस्तेमाल के लिए इवी के ही इस्तेमाल पर पर जोर दिया जायेगा.
झारखंड EV पॉलिसी के तहत लक्ष्य रखा गया है कि 2026 तक झारखंड में चल रहे कुल वाहनों का 10% इलेक्ट्रिक वकील होना चाहिए और सरकार इसी को ध्यान में रखकर के कई योजनाओं को लागू भी किया है. इन 11 प्वाइंट में समझ सकते हैं कि झारखंड की नई ईवी पॉलिसी क्या है.
1. 2026 तक झारखंड में निबंधित कुल वाहनों की संख्या जो अभी है उसमें 10 फीसदी हिस्सा इलेक्ट्रिक वाहन का होगा.
2. इलेक्ट्रिक बाइक कार निर्माताओं को स्टांप शुल्क और रजिस्ट्रेशन फी को पूरी तरह माफ रखने का प्रस्ताव है. जो 5 सालों तक के लिए है.