रांची:कोरोना काल मेंअनलॉक कि प्रक्रिया के तहत पूरे देश में लगभग सभी संस्थान, उद्योग, सिनेमा घर, पर्यटन स्थल खुल गए हैं, लेकिन झारखंड में अभी भी कई ऐसे स्थान हैं जो अब तक बंद पड़े हैं. राजधानी का बिरसा मुंडा जैविक उद्यान कोरोना की वजह से लॉकडाउन के बाद से ही बंद है. पिछले कई महीनों से जैविक उद्यान बंद रहने के कारण लोगों में मायूसी है.
चिड़ियाघर घूमने आए मायूस होकर लौट रहे लोगों का कहना है कि कोरोना का वैक्सीन भी आ चुका है और अब कोरोना का कहर भी कम हो गया है, ऐसे में चिड़ियाघर और पार्क जैसी स्थानों को खोल देना चाहिए, क्योंकि चिड़ियाघर में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन आराम से हो सकता है और यहां की आबोहवा में आने के बाद लोगों का इम्यूनिटी पावर भी बेहतर होगा. लोगों का कहना है कि बच्चों को घुमाने के लिए चिड़ियाघर सबसे बेहतर स्थान है, लेकिन अभी भी बिरसा मुंडा जैविक उद्यान बंद पड़े हैं, जिससे बच्चों को मायूस होकर लौटना पड़ता है.
व्यवसायियों को नुकसान
हजारीबाग से चिड़ियाघर घूमने आए एक पर्यटक ने कहा कि कोरोना का कहर खत्म हो गया है, इसीलिए हमलोग उम्मीद के साथ चिड़ियाघर घूमने आए थे, लेकिन अभी भी चिड़ियाघर बंद पड़ा है, जिसके कारम वापस लौटना पड़ रहा है. वही चिड़ियाघर के आस-पास ठेला खोमचा लगाने वाले लोगों का भी कहना है की चिड़ियाघर खुला रहता था तो आने जाने वाले पर्यटकों के वजह से व्यापार भी अच्छा होता था, लेकिन एक साल से हमारा व्यापार ठप पड़ा है और हमलोग आर्थिक तंगी से जूझने रहे हैं, अब मकान किराया और बच्चों की पढ़ाई भी नहीं हो पा रही है.
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चिड़ियाघर खोलने पर जल्द होगा निर्णय
चिड़ियाघर से जुड़े अधिकारियों का कहना है चिड़ियाघर को खोलने पर विचार चल रहा है, कोरोना के बीच बर्ड फ्लू का भी खतरा आ गया था, जिसके वजह से सुरक्षा के दृष्टिकोण से चिड़ियाघर बंद रखा गया था, लेकिन पर्यटकों की आ रही भीड़ को देखते हुए जल्द ही चिड़ियाघर खोलने का निर्णय लिया जाएगा.