रांची:राजधानी में स्वच्छता पखवाड़ा का आयोजन किया गया. कार्यक्रम के दौरान जिले के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ-साथ आम लोगों ने प्रधानमंत्री की अपील के बाद स्वच्छता पखवाड़ा में हिस्सा लिया. लेकिन इन सबके बीच एक ऐसी तस्वीर भी देखने को मिली जो यह बताती है कि अगर कोई व्यक्ति अपने आसपास के क्षेत्र को साफ रखना चाहे तो वह किसी भी स्थिति में उसे साफ रख सकता है.
राजधानी में दिव्यांगों ने की शहर की सफाई, समाज में स्वच्छता का दिया संदेश
प्रधानमंत्री और जिला प्रशासन की अपील के बाद स्वच्छता पखवाड़ा अभियान में न सिर्फ राजधानी के सक्षम लोग बल्कि दिव्यांग और निशक्त लोग भी शामिल हुए और स्वच्छता बनाए रखने की शपथ ली. Disabled children in Ranchi cleaned city
Published : Oct 1, 2023, 4:57 PM IST
|Updated : Oct 1, 2023, 5:14 PM IST
दरअसल, स्वच्छता पखवाड़ा कार्यक्रम को सफल बनाने में राजधानी के दिव्यांग बच्चों ने भी हिस्सा लिया. मूसलाधार बारिश के बावजूद राजधानी के विभिन्न इलाकों में दिव्यांग बच्चों ने स्वच्छता पखवाड़ा में हिस्सा लिया और अपने आसपास के इलाकों को साफ-सुथरा रखने का संकल्प लिया. अभियान में हिस्सा लेने आये कार्यक्रम पुनर्वास पदाधिकारी राजीव ठाकुर ने कहा कि आज के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपील की थी कि समाज के सभी लोग इस अभियान में हिस्सा लें और स्वच्छता का संकल्प लें.
उन्होंने कहा कि जब दिव्यांग और निःशक्त बच्चों ने भाग लिया तो समाज के सक्षम लोगों को प्रेरणा मिली कि जब शारीरिक रूप से कमजोर लोग स्वच्छता के प्रति इतने जागरूक हो सकते हैं तो आम लोग क्यों नहीं. इसी अभियान में शामिल दिव्यांग नीतीश मुंडा और अनुभव सिन्हा ने कहा कि आने वाले दिनों में समाज का हर व्यक्ति इस उद्देश्य को सुनिश्चित करेगा. यदि उनके आसपास का क्षेत्र स्वच्छ रहेगा तभी उनका मन और शरीर भी स्वच्छ रहेगा.
बारिश के बावजूद अभियान में लिया हिस्सा:साफ-सफाई में लगे दिव्यांग और नि:शक्त बच्चों ने बताया कि 1 अक्टूबर को स्वच्छता पखवाड़ा के दिन राजधानी रांची में सुबह से ही भारी बारिश हो रही थी, ऐसे में दिव्यांग बच्चों के लिए अभियान में भाग लेना मुश्किल था, लेकिन उनके जुनून और उत्साह ने उन्हें अभियान में मदद की. समाज के हर वर्ग के साथ स्वच्छता अभियान में भागीदारी की ताकत बढ़ाई और सरकार का साथ दिया. स्वच्छता पखवाड़ा के दिन दिव्यांग बच्चों की भागीदारी देखने के बाद इस बात की तस्दीक होती है कि अगर इंसान में जुनून और जज्बा हो तो वह अच्छा काम कर सकता है और इसके लिए उन्हें ताकत जरूर मिलती है. दिव्यांगों के इस प्रयास से आम लोगों को सीख लेने की जरूरत है ताकि लोगों में स्वच्छता के प्रति जागृति का उद्देश्य पूरा हो सके.