रांचीः कोरोना काल में डिजिटल एजुकेशन को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से शिक्षा विभाग ने दो कमेटी गठित की है. प्राथमिक और माध्यमिक प्लस टू उच्च स्तर पर एक-एक कमेटी का गठन किया गया है. अब इन कमेटियों के जरिए डिजिटल एजुकेशन पर नजर भी रखी जाएगी.
कोरोना महामारी को लेकर एक तरफ जहां सतर्कता घटी है इस वजह से यह महामारी तेजी से फैल रही है. भले ही स्कूल कॉलेजों को खोलने के लिए अभिभावकों से राय ली जा रही है, लेकिन संभव नहीं लग रहा है कि बच्चों को लेकर कोई भी रिस्क लिया जा सकता है.
इसी के तहत झारखंड के सरकारी स्कूलों में डीजे साथ कार्यक्रम के तहत चलाए जा रहे डिजिटल एजुकेशन का रिव्यू किया जाएगा. इसके लिए कमेटी के जरिए निगरानी रखी जाएगी. जानकारी के मुताबिक विभागीय सचिव ने दो कमेटी गठित कर दी है. इस कमेटी द्वारा डिजिटल एजुकेशन को लेकर एक रिपोर्ट तैयार किया जाएगा.
उस रिपोर्ट को 15 दिनों के अंदर विभाग को सौंपना है. इस रिपोर्ट के आधार पर राज्य भर में डिजिटल एजुकेशन का नया प्रारूप राज्य भर में लागू किया जाएगा.
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शिक्षा सचिव राहुल शर्मा की ओर से इस मामले को लेकर विशेष गाइडलाइन भी तमाम शिक्षा पदाधिकारियों को दी गई है. प्राथमिक स्तर पर डिजिटल शिक्षा के लिए एक कमेटी गठित हुई है .तो दूसरी कमेटी हाय और प्लस टू स्तर पर डिजिटल शिक्षा के लिए गठित की गई है.
शनिवार को डिजी साथ के संचालन और इसकी बेहतरी के लिए शिक्षकों के साथ आयोजित एक ऑनलाइन बैठक में स्कूली शिक्षा साक्षरता विभाग के सचिव राहुल शर्मा ने कहा कि राष्ट्रपति पुरस्कार सम्मान के लिए चयनित बोकारो के चास की शिक्षिका निरूपमा कुमारी और सिमडेगा के बानो के शिक्षक सुमित कुमार सोनी के पढ़ाने के मॉडल को राज्य भर में लागू करने की कोशिश तमाम शिक्षकों के साथ-साथ शिक्षा पदाधिकारी भी करें .