रांची: केंद्र की भारतीय जनता पार्टी की सरकार को सत्ता से बेदखल करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर 28 दलों ने साझा मोर्चा INDIA का गठन तो कर लिया है. लेकिन राज्यों में सभी के बीच सीट शेयरिंग का कोई फार्मूला खोज लेना आसान नहीं दिखता. यही वजह है कि लोकसभा चुनाव 2024 के बेहद नजदीक होने के बावजूद झारखंड में इंडिया गठबंधन सीट शेयरिंग के मुद्दे पर एक कदम भी आगे नहीं बढ़ पाया है.
झारखंड में सीपीआई माले, सीपीआई, मासस, आम आदमी पार्टी, जदयू के झारखंड के नेताओं की हसरतें काफी ऊंची हैं. राज्य में लोकसभा के कुल 14 सीट हैं, ऐसे में सीट सीमित है और दावेदार ज्यादा. सीपीआई द्वारा हजारीबाग लोकसभा सीट और सीपीएम द्वारा राजमहल सीट पर पहले ही दावेदारी ठोकी जा चुकी है. अब सीपीआई माले ने कोडरमा सीट अपने लिए और मासस के लिए धनबाद की सीट पर दावेदारी ठोक दी है.
अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी के स्टेट इकाई ने रांची और धनबाद लोकसभा सीट पर अपनी मजबूती की बात कही है. झारखंड में INDIA दलों के बीच सीट शेयरिंग का मामला उतना आसान नहीं होने वाला है. जितना कांग्रेस और झामुमो के केंद्रीय नेता समझते हैं. जदयू के प्रदेश प्रभारी और बिहार में मंत्री अशोक चौधरी ने भी झारखंड में अपनी गतिविधियां बढ़ा दी हैं, अगले महीने नीतीश कुमार भी रांची आ रहे हैं. जाहिर है कि उनकी भी इच्छा राज्य के कम से कम एक सीट पर चुनाव लड़ने की है. ऐसे में साफ है कि अगर लोकसभा चुनाव को लेकर महागठबंधन के तीन दल झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल सीट शेयरिंग के मुद्दे पर एक मत बना भी लें तो वाम मोर्चा और आम आदमी पार्टी, जदयू को बिना सीट दिए संतुष्ट कर पाना आसान नहीं होगा.
कोडरमा और धनबाद में लेफ्ट ही बीजेपी को परास्त कर सकता है- माले:सीपीआई माले के स्टेट पोलित ब्यूरो सदस्य जनार्दन सिंह ने कहा कि कोडरमा और धनबाद लेफ्ट के संघर्ष की भूमि रही है. कोडरमा में माले लगातार जन सरोकार के मुद्दों पर संघर्ष करता रहा है. वहीं, धनबाद एक ऐसा लोकसभा क्षेत्र रहा है जहां से एके राय लगातार सांसद रहें, आज भी धनबाद लोकसभा क्षेत्र में सबसे मजबूत आधार लेफ्ट का रहा है. मासस वहां हमेशा जन मुद्दों पर संघर्षशील रहा है.
धनबाद और रांची में आप का संगठन बेहद मजबूत- झारखंड आप:लोकसभा चुनाव को लेकर झारखंड आम आदमी पार्टी के प्रदेश कार्यालय सचिव कृष्ण किशोर कहते हैं कि झारखंड इकाई भी लोकसभा चुनाव में अपना भागीदारी निभाना चाहती है, आज हमारा संगठन राज्य भर में मजबूत है, लेकिन रांची और धनबाद लोकसभा सीट पर हम चुनाव लड़कर जीत सकने की स्थिति में है.