रांची:भारत में खरीदारी का त्योहारी सीजन इन दिनों चल रहा है. धनतेरस (Dhanteras 2022) पर यह चरम पर होता है. क्योंकि इस दिन शुभ के लिए हर परिवार कुछ न कुछ खरीदता है. मान्यता है कि धनतेरस पर की गई खरीदारी से 13 गुना वृद्धि होती है. आम तौर पर धनतेरस के दिन सोना, चांदी और बर्तन खरीदने का रिवाज है. लेकिन कपड़े, सजावटी सामान, इलेक्ट्रॉनिक आइटम भी खूब खरीदे जाते हैं और पूजा होती है. इसको लेकर इन दिनों रांची के बाजार सजे हुए हैं.
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ग्राहकों को लुभाने में कारोबारी कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं. ग्राहकों को लुभाने के लिए सामानों को नए डिजाइन और लोगों की बजट के हिसाब से पेश किया जा रहा है. हालांकि बाजार में तेजी का असर कीमतों पर भी पड़ रहा है. सर्राफा बाजार में सोने चांदी का भाव तेज है. नतीजतन लोग इलेक्ट्रॉनिक आइटम को तरजीह दे रहे हैं(Price Hike Jewelry Market Ranchi). राजधानी रांची की बात करें तो यहां पर सोने और चांदी की दुकानों की जगह इलेक्ट्रॉनिक सामान जैसे फ्रिज, टीवी, वाशिंग मशीन, मिक्सर, आयरन, इन्वर्टर, ओवन, इंडक्शन चूल्हा इत्यादि की दुकानों में ज्यादा भीड़ दिख रही है.
रांची के अरगोड़ा स्थित प्रिंस इलेक्ट्रॉनिक दुकान के कर्मचारी बताते हैं कि पिछले 2 वर्षों से कोविड की वजह से बाजार में इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स की बिक्री नहीं हो पाई थी. लेकिन इस वर्ष व्यापारियों को उम्मीद है कि धनतेरस के मौके पर इलेक्ट्रॉनिक्स का बाजार बेहतर होगा. उन्होंने बताया कि धनतेरस से 2 दिन पहले से ही लोग अपने अपनी पसंद का सामान बुक करा रहे हैं.
30 फीसदी अधिक कारोबार का अनुमानः इलेक्ट्रॉनिक आइटम दुकानदारों का कहना है कि पिछले साल की तुलना में इस बार व्यापार में कम से कम 25 से 30% की बढ़ोतरी होने की संभावना है. व्यापारियों का अनुमान है कि सिर्फ राजधानी रांची में 100 करोड़ से ऊपर का इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स का बाजार होने वाला है. चैंबर पदाधिकारियों का अनुमान है कि पिछले वर्ष धनतेरस पर करीब 350 करोड़ का व्यापार हुआ था, जिसमें इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स भी शामिल थे. इसलिए इस वर्ष कारोबारियों को और भी ज्यादा बिजनेस की उम्मीद है. उनका मानना है कि कोविड से मिली राहत के बाद इस बार ज्यादा से ज्यादा लोग इलेक्ट्रॉनिक आइटम खरीदने बाजार में पहुंचेंगे.
ये भी पढ़ें-Dhanteras 2022 : धनतेरस पर होगी कुबेर और लक्ष्मी की कृपा, जानिए उपाय इसलिए इलेक्ट्रॉनिक आइटम की खरीदारीः वहीं इलेक्ट्रॉनिक आइटम की खरीददारी करने पहुंचे ग्राहकों ने कहा कि जिस प्रकार से सोने और चांदी के दाम दिन प्रतिदिन बढ़ रहे हैं. ऐसे में लोग सिर्फ शुभ के लिए सोना खरीद रहे हैं जो पूजा के बाद किसी काम का नहीं होता. क्योंकि उस सोने का कोई जेवर भी नहीं बनवाता. इसलिए आम लोगों का रूझान इलेक्ट्रॉनिक आइटम की तरफ बढ़ रहा है. ग्राहक श्याम बताते हैं कि उन्होंने भी धनतेरस को देखते हुए इलेक्ट्रॉनिक आइटम खरीदा है.
ऑफर्स की बहारः वहीं, सिर्फ इलेक्ट्रॉनिक आइटम ही नहीं मोबाइल के प्रति भी लोगों का खासा रूझान देखा जा रहा है. अन्नपूर्णा मोबाइल शॉप के दुकानदार का कहना है कि पिछले दो साल की तुलना में इस वर्ष बाजार बेहतर है. हालांकि मोबाइल दुकानदारों का यह भी कहना है कि जितना उम्मीद था वैसी तेजी नहीं है. हालांकि कोरोना के बाद व्यापारियों को बेहतर व्यवसाय की आशा है.
इलेक्ट्रॉनिक दुकान संचालकों का कहना है कि इस वर्ष लोगों को लुभाने के लिए कई ऑफर्स दिए जा रहे हैं. कैश बैक, फ्री होम डिलीवरी, क्रेडिट कार्ड प्रॉफिट जैसे ऑफर्स दिए जा रहे हैं. वहीं उन्होंने बताया कि ऑफर्स से लोगों का रूझान भी बढ़ रहा है. गौरतलब हैं कि इस वर्ष बाजार का रंग रूप देखकर यही लग रहा है कि धनतेरस के मौके पर पहले लोग शुभ संकेत या नेग के रूप में सोना या चांदी खरीदते थे.अब सोना चांदी की तरह इलेक्ट्रॉनिक आइटम खरीदने लगे हैं.
इस दिन है धनतेरसःकार्तिक कृष्ण त्रयोदशी यानी धनतेरस 22 अक्टूबर शाम 6:02 पर शुरू हो रही है और 23 अक्टूबर शाम 6.03 बजे संपन्न हो रही है. लेकिन उदया तिथि में त्रयोदशी 23 अक्टूबर को होने से बहुत सारे लोग धनतेरस इसी दिन मना रहे हैं. जबकि भगवान धन्वंतरि, माता लक्ष्मी, और देवताओं के कोषाध्यक्ष कुबेर की पूजा प्रदोषकाल में संपन्न हो रही है और इसदिन त्रयोदशी 6.03 बजे संपन्न हो जा रही है. इस कारण बहुत सारे लोग धनतेरस 22 अक्टूबर शनिवार को मना रहे हैं.
दुर्लभ संयोगः इधर 22 अक्टूबर को त्रयोदशी मनाने पर एक दुर्लभ संयोग का लाभ मिलेगा. इस दिन प्रदोष काल में शनि प्रदोष व्रत के साथ त्रयोदशी का संयोग है. यह अद्भुत संयोग है. ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि इस बार धनतेरस के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, त्रिपुष्कर योग भी बन रहा है, यानी सभी के लिए यह धनतेरस काफी शुभ रहने वाला है. वहीं 23 अक्टूबर को धनतेरस मनाने पर सुबह 6.32 से दोपहर 2.33 तक सर्वार्थ सिद्धि योग का लाभ मिलेगा. जबकि दोपहर 1.50 से शाम छह बजकर दो मिनट तक त्रिपुष्कर योग का लाभ मिलेगा.