रांची: सितंबर और अक्टूबर महीने में आने वाले महत्वपूर्ण त्यौहारों को देखते हुए झारखंड पुलिस मुख्यालय में विधि व्यवस्था को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक की गई.. बैठक डीजीपी कमल नयन चौबे की अध्यक्षता में हुई.
इस बैठक में झारखंड पुलिस के वरीय अधिकारियों के साथ-साथ पूजा समिति के लोग भी शामिल हुए. इस दौरान मुहर्रम, करमा, दुर्गा पूजा समेत आगामी सारे त्यौहारों की विधि व्यवस्था के मुद्दे पर बातचीत हुर्ई.
डीजीपी कमलनयन चौबे की अध्यक्षता में हुई बैठक में महावीर मंडल, रांची दुर्गा पूजा समिति, मुहर्रम समिति, महानगर दुर्गापूजा समिति, ग्रामीण दुर्गा पूजा समिति, अंजुमन इस्लामिया, सदभावना समिति, युवा दस्ता के पदाधिकारी समेत अन्य गणमान्य लोग शामिल हुए. डीजीपी ने इस मौके पर कहा कि त्यौहारों में 80 से 90 प्रतिशत शांतिपूर्ण माहौल आम जनता सहित शांतिप्रिय लोगों की देन होती है. डीजीपी ने सभी समितियों से सांप्रदायिक सदभाव बनाए रखने की अपील की.
डीजीपी ने समिति के सदस्यों से कहा कि वह अपने इलाके के असमाजिक तत्वों को चिन्हित कर उन पर नजर रखें. व्हाट्सएस ग्रुप पर अफवाह फैलाने वालों पर विशेष ध्यान देते हुए अविलंब इसकी सूचना पुलिस को दें. बैठक में एडीजी अजय कुमार सिंह, एडीजी अभियान मुरारीलाल मीणा, आईजी आशीष बत्रा, रांची रेंज डीआईजी अमोल वी होमकर, एसएसपी अनीश गुप्ता समेत अन्य अधिकारी भी मौजूद थे.
डीजीपी ने अधिकारियों के साथ की बैठक. समिति सदस्यों ने भी किया वादा
बैठक में उपस्थित समितियों के प्रतिनिधियों और सामाजिक कार्यकत्ताओं ने करमा, मुहर्रम और दुर्गापूजा पर्व शांतिपूर्ण और सौहार्द्रपूर्ण ढंग से मनाये जाने के लिए किए गए अपने-अपने निर्णयों से डीजीपी को अवगत कराया. समिति के सदस्यों ने दुर्गा पूजा के दौरान दूर-दराज के ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले श्रद्धालुओं के आवागमन की सुविधा और सुरक्षा व्यवस्था देने का अनुरोध पुलिस अधिकारियेां से किया. वहीं, नशा और ड्रग्स की समस्या के समाधान और ट्रैफिक व्यवस्था मजबूत करने का अनुरोध भी डीजीपी से समिति सदस्यों ने किया.
अखाड़ों की विशेष निगरानी की मांग
करमा के कुल पांच अखाड़ों और मुहर्रम के पांच अखाड़ों के मैदान को चिन्हित कर उन पर विशेष निगरानी की मांग समितियों ने की. बैठक के दौरान शांति समिति के सदस्यों को पहचान पत्र निर्गत करने, युवा वर्ग को शांति समितियों में जोड़े जाने, पंडालों के निकट पुलिस की व्यवस्था करने, थानावार शांति समितियों की बैठक आयोजित करने आदि मुद्दों पर चर्चा हुई. वहीं, महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने, मेला के स्थलों और पंडालों के आसपास वाहनों का इस्तेमाल कम संख्या में करने, सादे लिबास में पुलिस की प्रतिनियुक्ति करने, शराबबंदी पर विशेष ध्यान देने सहित शांति समिति के पदाधिकारियों सहित समाज के गणमान्य शांतिप्रिय लोगों को उनके सहयोग के लिए पुरस्कृत करने आदि का सुझाव भी सभी ने विशेष रूप से दिया गया.