रांची: झारखंड राज्य प्राकृतिक संपदा से संपन्न है. प्रकृति के द्वारा दिए गए वन और पहाड़ यहां की खूबसूरती को चार चांद लगाते हैं. इसके बावजूद राज्य की सरकार झारखंड के खूबसूरत झरने, नदी, पहाड़, पठार जैसी संपदाओं का भरपूर उपयोग नहीं कर पा रही (Development Status of Tourism in Jharkhand). जबकि अन्य राज्य जैसे कैरल, गुजरात, असम, छत्तीसगढ़ में यहां से कम प्राकृतिक संपदा है, फिर भी इन राज्यों में प्रकृतिक संपदाओं का उपयोग कर पर्यटन का विकास किया जा रहा है.
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झारखंड की प्राकृतिक खूबसूरती की छटा छोड़ती रांची जिले में ही कई ऐसे जलप्रपात हैं जो लोगों को आकर्षित करते हैं. हुंडरू फॉल, जोन्हा फॉल, दशम फॉल, पंचघाघ फॉल सहित कई ऐसे जलप्रपात हैं, जो लोगों को आकर्षित करती है लेकिन यह सभी जलप्रपात राज्य के जंगलों और सुदूर इलाकों में हैं. जहां पर सरकार को नक्सलवाद और अपराध जैसी चुनौतियां झेलनी पड़ती है. भीषण जंगलों में पर्यटन स्थल होने की वजह से कई बार पर्यटक राज्य के खूबसूरती को देखने से वंचित रह जाते हैं.
क्या कहते हैं विभागीय सचिव:झारखंड में पर्यटन के क्षेत्र में आ रही समस्या को लेकर ईटीवी भारत ने जब पर्यटन विभाग के सचिव मनोज कुमार से बात की तो उन्होंने बताया कि पर्यटन के क्षेत्र में राज्य सरकार दो चीजों पर काम कर रही है. पहला प्रोडक्ट और दूसरा पब्लिसिटी. प्रोडक्ट के मामले में देखें तो सरकार के पास पर्यटन स्थल की कमी नहीं है. हालांकि, कई पर्यटन स्थल को अभी भी बेहतर बनाने की आवश्यकता है. जिसपर सरकार काम कर रही है. पब्लिसिटी को लेकर भी राज्य सरकार राज्य के सभी प्रमुख शहरों और स्थानों पर पोस्टर और डिजिटल बोर्ड लगा रही है ताकि जो भी लोग झारखंड पहुंचे हैं. वह झारखंड के पर्यटन स्थलों को जान सके और वहां पर जाकर घूम सके ताकि राज्य सरकार के राजस्व में लाभ हो. वहीं उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति जो पर्यटन स्थल हैं वहां पर सुरक्षा की चुनौती जरूर है लेकिन, राज्य सरकार इसको लेकर गंभीर है.