रांचीः रांची जिला बार एसोसिएशन में अधिवक्ताओं के खाते से घोटाले (embezzlement in ranchi bar ) के मामले ने तूल पकड़ लिया है. घोटाले का मामला सामने आते ही अधिवक्ताओं ने पूर्व की कमेटी पर सवाल उठाना शुरू कर दिया है. इसी को लेकर अधिवक्ताओं ने बार भवन के सामने धरना दिया (Demonstration of advocates in Ranchi) और मांग की कि 2019 से 21 के बीच जो भी आय-व्यय किया गया है, उसकी ऑडिट रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए. अधिवक्ताओं ने गबन की स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने की भी मांग की.
रांची बार भवन के सामने अधिवक्ताओं का प्रदर्शन ये भी पढ़ें-रांची जिला बार एसोसिएशन को 19.38 लाख की चपत, महिला लिपिक पर गबन का आरोप
दरअसल, निवर्तमान महासचिव कुंदन प्रकाशन ने लेखा लिपिक पर 19 लाख 38 हजार घोटाला का आरोप लगाया है और इस मामले में कोतवाली थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है. जैसे ही यह मामला सामने आया अधिवक्ताओं ने पूरी निवर्तमान कमेटी पर ही सवाल उठाना शुरू कर दिया. इसी को लेकर अधिवक्ताओं ने सोमवार को जिला बार भवन के सामने धरना दिया. धरने पर बैठे वरीय अधिवक्ता प्रित्यंशु कुमार सिंह ने कहा कि निवर्तमान महासचिव को इतने बड़े घोटाले की जानकारी थी तो उन्होंने चुनाव से पहले आखिर क्यों मामले को उजागर नहीं किया.
रांची बार में गबन का विरोध
अधिवक्ता प्रित्यंशु कुमार सिंह ने कहा कि 25 सितंबर 2021 को बार एसोसिएशन की एक ऑडिट रिपोर्ट आई थी, जिसमें पता चला था कि 19 लाख 38 हजार का गबन हुआ है. उन्होंने कहा कि जब पूर्व में ही ऑडिट रिपोर्ट आ चुकी थी तो इतने बड़े घपले को पहले ही क्यों नहीं उजागर किया गया. अब इस मामले में 5 अक्टूबर 2021 को एफआईआर दर्ज कराई गई तो सवाल उठता है. सिंह ने कहा कि ऐसा लगता है कि 15 दिनों में सबूत मिटाने का काम किया गया. वहीं नवनिर्वाचित महासचिव संजय विद्रोही ने कहा कि आज का धरना प्रदर्शन गबन के मामले के विरोध में किया गया है.