रांचीः दिल्ली समेत देश के विभिन्न राज्यों में नर्सरी से लेकर तमाम कक्षाओं का संचालन लगभग शुरू कर दिया गया है. झारखंड के 7 जिलों को छोड़कर 17 जिलों में जूनियर से लेकर सीनियर बच्चों का क्लासेस संचालित हो रहा है. हालांकि अभिभावक अब झारखंड के 7 जिलों में भी जूनियर बच्चों के लिए स्कूल खोलने की मांग कर रहे है. रांची में जूनियर बच्चों के स्कूल रिओपन करने की मांग की जा रही है. बच्चे भी स्कूल जाना चाहते हैं.
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पिछले 2 वर्षों से जूनियर बच्चे स्कूल गए ही नहीं है. कोरोना महामारी के प्रकोप के कारण स्कूलों में ताला लटका रहा. पूरी तरह शिक्षा व्यवस्था की गतिविधियां ठप दिखी. हालांकि धीरे-धीरे चीजों को सामान्य किया जा रहा है और स्कूल रिओपन की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गयी है. झारखंड के साथ-साथ देश के विभिन्न राज्यों में स्कूल ओपन हो रहे हैं. वहीं झारखंड में 7 जिलों को छोड़कर बाकी 17 जिलों में नर्सरी से लेकर सीनियर बच्चों तक के लिए स्कूल और कॉलेज खोल दिए गए हैं. 7 जिलों में रांची भी शामिल है. रांची के नर्सरी (जूनियर) बच्चे स्कूल नहीं जा रहे हैं.
स्कूल खोलने की मांग करते अभिभावक और बच्चे स्कूल जाना चाहते हैं बच्चेः नर्सरी से लेकर आठवीं तक के बच्चे घरों में रहकर ऑनलाइन पठन-पाठन का लाभ ले रहे हैं. लेकिन अगर इन बच्चों के ही सुने तो इनका सीधे तौर पर कहना है कि ऑनलाइन पठन-पाठन में उन्हें कुछ भी समझ में नहीं आता है. वह भी चाहते हैं कि अब स्कूल जाकर ऑफलाइन पढ़ाई करें. हमारी टीम ने राजधानी रांची के ऐसे अभिभावकों के साथ बातचीत की है. जिनके बच्चे स्कूल नहीं जा रहे हैं. पेरेंट्स का मानना है कि अब जल्द से जल्द स्कूल को रिओपेंन कर देना चाहिए ताकि बच्चे स्कूल जा सके. वहीं जूनियर बच्चे भी कहते हैं कि उन्हें अब स्कूल जाना है.
पिछले 2 वर्षों से यह बच्चे स्कूल का गेट तक नहीं देखा है. नामांकन लेने के बाद से ही ऐसे सैकड़ों बच्चे हैं जो स्कूल के दहलीज में कदम तक नहीं रखा है. लेकिन अब इन बच्चों के अभिभावक और खुद बच्चे भी स्कूल रिओपन करने की मांग कर रहे हैं. शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने भी संकेत दिए हैं कि 15 फरवरी के बाद जूनियर बच्चों के लिए भी स्कूल खोला जा सकता है. हालांकि यह फैसला आपदा प्रबंधन विभाग की बैठक में लेना है. शिक्षा विभाग की ओर से एक प्रस्ताव राज्य सरकार और विभाग को भेजा गया है.