रांचीः कोरोना संक्रमण के कारण पिछले कई महीनों से राज्य के धार्मिक स्थल बंद हैं और श्रद्धालुओं के प्रवेश की अनुमति नहीं हैं. इससे धार्मिक स्थलों से जुड़े पंडित, पुजारी और छोटो-छोटे दुकानदार आर्थिक संकट से जूझने लगे हैं. धार्मिक स्थलों के पट्ट खोलने की मांग तेज हो गई है. वहीं, संभावना है कि आठ सितंबर को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में आपदा प्रबंधन की बैठक है, जिसमें मंदिर खोलने का निर्णय लिया जा सकता है.
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देवघर के बाद राजधानी रांची के पहाड़ी मंदिर से जुड़े श्रद्धालु, पुजारी और दुकानदारों ने शनिवार को धरना-प्रदर्शन कर सरकार से मंदिरों को खोलने की मांग की. तपोवन मंदिर के महंत ओमप्रकाश शरण ने कहा कि देश के कई राज्यों में मंदिर खुल चूके हैं और झारखंड में धार्मिक स्थलों के प्रति भेदभाव बरती जा रही रही है. उन्होंने कहा कि बाजारों में उमड़ रही भीड़ से कोरोना फैलने का डर नहीं है, मंदिर में कोरोना का भय है. उन्होंने कहा कि मंदिर से कोरोना नहीं फैलता है. राज्य सरकार जल्द मंदिर खोलने का निर्णय ले. वहीं, पहाड़ी मंदिर धरना स्थल पहुंचे मुनचुन राय ने कहा कि सरकार शीघ्र फैसला नहीं लेती है, तो आंदोलन और तेज करेंगे.