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AK 47 बरामदगी से गरमाई झारखंड की सियासत, एनआईए जांच की मांग

रांची में ईडी के छापा में प्रेम प्रकाश के घर से मिले दो AK 47 से रांची पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं. इसे लेकर झारखंड की राजनीति गरमा गई है. हथियार बरामदगी के मामले की जांच एनआईए से कराने की मांग उठने लगी है. Demand for NIA probe into AK 47 found in ED raid in Ranchi.

Demand for NIA probe into AK 47 found in ED raid in Ranchi
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Published : Aug 24, 2022, 9:23 PM IST

Updated : Aug 25, 2022, 7:15 AM IST

रांची: दो AK 47 व कारतूस बरामदगी के बाद झारखंड राजनीति गरमा गई है. सत्ता के गलियारों में चर्चित प्रेम प्रकाश के यहां से मिले दो AK 47 के मामले में झारखंड पुलिस ने 2 जवानों को निलंबित कर दिया है. हालांकि आला हाकिम हुक्काम ने 2 पुलिस कर्मियों को निलंबित कर मामले में यह बता दिया कि हथियार झारखंड पुलिस की है, लेकिन इसके साथ ही कई सवाल उठ खड़े हुए हैं. रांची पुलिस के दो AK 47 मिलने के बाद यह अंदेशा जताया जा रहा है कि प्रेम प्रकाश को सीधे तौर पर बॉडीगार्ड तो नहीं मिले थे तो फिर उनके घर से दो AK 47 और 60 गोलियां कैसै मिली?

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रांची पुलिस की कार्यशैली पर उठ रहे सवाल: जो सवाल उठ रहे हैं उसका जवाब फिलहाल रांची पुलिस नहीं दे रही है लेकिन जो सवाल उठ रहे हैं उसमें जिन जवानों के दो AK 47 मिले हैं उन्हें कमान दूसरी जगह काटकर भेजा गया था. दूसरी जगह काटकर भेजे गए कमान के बाद उनकी तैनाती प्रेम प्रकाश के घर कैसै लगी? हालांकि रांची पुलिस इस दावे को फिलहाल खारिज कर रही है लेकिन कोई सटीक उत्तर नहीं दे रही है. पूरे मामले में रांची पुलिस के अफसरों की भूमिका संदेहास्पद भी प्रतीत हो रही है. हथियार देने और जमा करने के बाबत जो नियम है उस जानकारी के मुताबिक, प्रत्येक मंगलवार बॉडीगार्ड या किसी बाहरी जगह पर तैनात पुलिसकर्मियों की समीक्षा पुलिस लाइन में होती है. पुलिस के सार्जेंट मेजर की यह जिम्मेदारी होती है कि वह पुलिसकर्मियों की प्रतिनियुक्ति की पूरी जानकारी रखें. सवाल यह भी उठ रहा है पुलिस के ये दोनों जवानों ने इस तरह पहली बार किया है या फिर इससे पहले भी इस तरह का कार्य होता रहा है. AK 47 जैसै हथियार को इस तरह रख देना क्या उचित है?

बाबूलाल ने किए रांची पुलिस से सवाल: पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने रांची पुलिस के द्वारा प्रेस विज्ञप्ति जारी किए जाने के बाद पुलिस से सवाल पूछे हैं. उन्होंने सवाल उठाया है कि पुलिस यह बताए कि ये बॉडीगार्ड किसके नाम से कब और कहां के लिये निर्गत किए गए थे? जिस स्थान पर पदस्थापित था वहां से पैदल आ रहे थे या गाड़ी से? हथियार के साथ सिपाही मुख्य सड़क से घर जाते हैं या गली मुहल्ले घूमते हुए? बाबूलाल मरांडी ने मांग की है कि पुलिस इन बाडीगार्डस/हथियार के ढाई सालों के पदस्थापन/आवंटन का पूरा विवरण बताये? सबकुछ शीशे की तरह दिख जायेगा?

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एनआईए जांच की मांग की: बाबूलाल मरांडी के अलावा गोड्डा सांसद निशिकांत दूबे ने हथियार बरामदगी की जांच एनआईए से कराने की मांग की है. बाबूलाल मरांडी ने गृह मंत्रालय व एनआईए को टैग करते हुए लिखा है कि सरकारी हथियारों का भी अवैध इस्तेमाल करवाया जा रहा होगा? और हो न हो उग्रवादियों-आतंकवादियों तक की सरकारी हथियारों तक पहुंच होगी. ऐसे में एनआईए इस मामले को गंभीरता से ले और गहराई से इसकी जांच करे. Demand for NIA probe into AK 47 found in ED raid in Ranchi.

सरयू राय ने भी लगाया गंभीर आरोप: सरयू राय ने पूरे मामले में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा है कि ऐसा लगता है कि झारखंड सरकार के पुलिस महकमे में गैंग ऑफ वासेपुर कायम हो गया है. प्रेम प्रकाश के घर से मिले 2 एके 47 रायफलों की जांच एनआईए को सौंपी जाए, दोषियों पर कार्रवाई हो, भले ही वे कितना भी प्रभावशाली क्यों न हों. सरयू राय ने कहा कि प्रेम प्रकाश की आलमारी में रखे दो एके-47 राइफल बताते हैं कि राजनीतिक भ्रष्टाचार आपराधिक आयाम ले चुका है.

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सीएम से नाम जोड़ने पर आपत्ति: इधर, झारखंड सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से एक प्रेस नोट जारी कर राज्य में चल रही ईडी की छापेमारी के संदर्भ में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का नाम आरोपी के साथ जोड़े जाने के मामले पर गहरी आपत्ति जतायी गई है. कहा गया है कि यह किसी भी राज्य सरकार के मुख्यमंत्री के सार्वजनिक पद की गरिमा का पूर्ण उल्लंघन है. झारखंड सरकार ने भारत सरकार की एजेंसियों द्वारा की गई सभी जांच और कार्रवाई में अब तक हरसंभव सहयोग किया है. इस मामले में कुछ मीडिया प्लेटफॉर्म भी मुख्यमंत्री को बदनाम करने वाला पोस्ट कर रहे हैं. यह दुर्भाग्यपूर्ण है. इस मामले में उचित कानूनी कार्रवाई की जायेगी.

Last Updated : Aug 25, 2022, 7:15 AM IST

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