रांची: झारखंड में ओबीसी को सरकारी नौकरियों में 27 फीसदी आरक्षण देने का मुद्दा अभी भी राजनीति के केंद्र में है. इसके अलावा अब राज्य के सात जिलों में ओबासी को EWS (Economically Weaker Section) मानकर आरक्षण देने की मांग कांग्रेस विधायकों ने शुरू कर दी है.
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कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद ने कहा कि राज्य बनने के बाद से ही लोहरदगा, लातेहार, सिमडेगा, गुमला, पश्चिमी सिंहभूम, खूंटी और दुमका में जिला स्तर की नौकरियों के लिए बनाए गए आरक्षण रोस्टर में ओबीसी को शून्य दिखाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष कार्मिक विभाग ने फिर इसकी जानकारी प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से दी थी. अंबा प्रसाद ने कहा कि राज्य में ओबीसी आबादी की हकमारी भाजपा के शासनकाल में ही हुई थी. लेकिन जब आर्थिक रूप से कमजोर लोगों (EWS) के तहत आरक्षण देने का प्रावधान केंद्र और राज्य की सरकार ने किया है. तब जिन सात जिलों के ओबीसी समुदाय के लोगों को आरक्षण नहीं मिल रहा है. उन्हें EWS मानकर सरकारी नौकरियों में आरक्षण का लाभ दिया जाए. उन्होंने कहा कि ग्रेड 3 और ग्रेड 4 की ज्यादातर सरकारी नियुक्तियां जिला आधारित होती हैं. ऐसे में उन सात जिलों में ओबीसी समाज के युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं किया जा सकता.