रांची: छठे वेतनमान में जनवरी 2006 से शिक्षकों के वेतन निर्धारण में हुई त्रुटियों को दूर करने और वेतन निर्धारण में लगी 9 वर्षों से रोक हटाने की मांग को लेकर अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रतिनिधि ने वित्त विभाग के प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह से मुलाकात की है. इस दौरान उन्होंने अपनी समस्याओं से अवगत कराया है.
जनवरी 2006 से पूर्व नियुक्त और पदस्थापित शिक्षकों के लिए छठे वेतनमान के संकल्प में दिए गए न्यूनतम आरंभिक वेतन के अनुसार वेतन निर्धारण नहीं किया गया है. जिससे शिक्षकों से संबंधित वेतन विसंगति आज तक बनी हुई है. जबकि सामान विसंगति के एक अन्य मामले का निराकरण करते हुए 2019 में इसका समाधान कर दिया गया था. लेकिन इन शिक्षकों का मामला आज तक लटका हुआ है.
इस मामले को लेकर झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ विभागीय अधिकारियों के साथ साथ शिक्षा मंत्री को भी अवगत कराया है. लेकिन मामला वित्त विभाग के पास रहने के कारण इस समस्या को लेकर शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल ने वित्त विभाग के प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह से मुलाकात कर उन्हें वस्तुस्थिति से अवगत कराया है. इस मामले पर वित्त सचिव ने प्रतिनिधिमंडल को कहा कि 2019 के संकल्प के आलोक में शिक्षकों के मामले को समीक्षा कर एक-दो दिन में निर्णय लिया जा सकेगा. साथ ही छठे वेतनमान के वेतन निर्धारण क्यों रुका है. इस प्रक्रिया को एक बार फिर देखा जाएगा. 9 वर्षों से लगी रोक को हटाने के संबंध में सचिव ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया है.
शिक्षक प्रतिनिधियों के साथ वार्ता के दौरान वित्त विभाग के प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह के साथ सचिव साधना सिन्हा भी उपस्थित थे, संघ की ओर से अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष बृजेंद्र चौबे, महासचिव राममूर्ति ठाकुर, नसीम अहमद समेत अन्य प्रतिनिधिमंडल मौजूद थे.