रांचीःकाफी जद्दोजहद के बाद सिरमटोली से मेकॉन तक फ्लाईओवर का निर्माण शुरू हुआ, लेकिन एक बार फिर फ्लाईओवर का निर्माण विवादों में फंसता जा रहा है. फ्लाईओवर के निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार का आरोप लगना शुरू हो गया है. भ्रष्टाचार की आशंका व्यक्त करते हुए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को इस संबंध में पत्र लिखकर इसकी जांच की मांग की है. मुख्यमंत्री को लिखे गए पत्र में दीपक प्रकाश ने कहा कि राज्य में फ्लाईओवर का काम हो रहा है. यह हम सब के लिए खुशी की बात है, लेकिन फ्लाईओवर के काम में यदि भ्रष्टाचार हो तो यह झारखंड जैसे गरीब राज्य के लिए सुखद खबर नहीं है.
Allegations Of Corruption In Macon Flyover: मेकॉन फ्लाईओवर के निर्माण में दीपक प्रकाश ने भ्रष्टाचार का लगाया आरोप, सीएम को पत्र लिखकर जांच की मांग
रांची में इन दिनों अलग-अलग स्थानों पर फ्लाईओवर निर्माण का कार्य चल रहा है. इसी क्रम में सिरमटोली से मेकॉन तक फ्लाईओवर का निर्माण का कार्य चल रहा है. जिस पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. उन्होंने मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिख कर जांच की मांग की है. पत्र में किस तरह के भ्रष्टाचार का जिक्र है जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर.
शिडयूल दर से 25 प्रतिशत अधिक दर पर ठेका देने का मामला दीपक प्रकाश ने उठायाः दीपक प्रकाश ने सीएम को लिखे गए पत्र में उल्लेख किया है कि पथ निर्माण विभाग झारखंड सरकार के द्वारा जो फ्लाई ओवर बन रहा है उसका काम किसी खास कंपनी को दिया गया है, लेकिन विश्वस्त सूत्रों से मुझे जानकारी मिली है कि इस कंपनी को यह ठेका शिडयूल दर से 25 प्रतिशत की अधिक दर पर दिया गया है. नियमतः शिडयूल रेट से लगभग 10 प्रतिशत तक का काम देने का अधिकार अभियंता प्रमुख को है और 10 प्रतिशत शिडयूल दर से ज्यादा दर पर देने के लिए कैबिनेट से स्वीकृति की आवश्यकता होती है. आपने खास कंपनी को लाभ पहुंचाने के लिए कैबिनेट की बैठक की और कंपनी को शिडयूल रेट से 25 प्रतिशत से अधिक दर पर काम देने की स्वीकृति भी आपने ले ली. जबकि रांची में ही रातू रोड में फ्लाईओवर निर्माण का कार्य भारत सरकार के नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के द्वारा किसी कंपनी को शेडयूल दर से 18 प्रतिशत कम दर में काम दिया गया है.
मुख्यमंत्री से मामले में जांच कराने की मांगः पत्र के माध्यम से दीपक प्रकाश ने इससे संबंधित मुख्यमंत्री से सवाल करते हुए पूछा है कि आखिर किन परिस्थितियों के कारण कंपनी को शेडयूल रेट से ज्यादा दर पर काम दिया गया ? क्या कारण है कि दोनों फ्लाई ओवर के निर्माण कार्य के राशि आवंटन में इतना फर्क है ? अगर ज्यादा दर पर काम देना ही था तो फिर से रिटेंडर क्यों नहीं किया गया. जिसमें दूसरी कंपनी भी भाग ले सकती थी. एक खास कंपनी पर सरकार की विशेष कृपा क्यों ? दीपक प्रकाश ने कहा कि जो स्थिति है उससे इस कार्य में प्रथम दृष्टया भ्रष्टाचार प्रतीत हो रहा है. मुझे लगता है कि इसकी विस्तृत जांच होनी चाहिए. अगर भ्रष्टाचार हो रहा है तो उसपर तुरंत रोक लगे. उन्होंने मुख्यमंत्री से अविलंब जांच कराने की मांग की है.