रांची: पुलिसकर्मियों में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के बीच रविवार को राज्य में पहले पुलिसकर्मी की मौत हो गई. मृतक पुलिसकर्मी टाटीसिलवे स्थित जैप टू में पोस्टेड थे. पुलिसकर्मी की मौत के बाद जैप टू को तत्काल सील कर दिया गया है. वहां के पुलिस कर्मियों को फिलहाल होम क्वॉरेंटाइन रहने का निर्देश दिया गया है. ताकि संक्रमण न बढ़े. साथ पूरे कैंपस को सेनेटाइज करने की प्रक्रिया भी जल्द शुरु की जाएगी.
क्या है पूरा मामला
जानकारी के अनुसार संबंधित सब इंस्पेक्टर को बीते 16 जुलाई से कोरोना के लक्षण दिखाई दे रहा था. संक्रमण के बीच 18 जुलाई को उनके कार्यालय में उन्हें कोविड-19 टेस्ट कराने का सलाह दिया गया था. हालांकि उन्होंने इसे सामान्य सर्दी-खांसी और वायरल बता कर अनदेखा किया. इसके बाद 20 जुलाई को उनकी तबीयत बिगड़ने लगी. इसके बाद कार्यालय के ही सहकर्मियों ने उन्हें मेडिका अस्पताल में भर्ती कराया. वहां से कोरोना टेस्ट के लिए सैंपल भेजा गया. इस दौरान उनकी कोविड-19 टेस्ट की रिपोर्ट पॉजिटिव आई. रिपोर्ट मिलने के बाद सब इंस्पेक्टर को धुर्वा स्थित पारस अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां इलाज के दौरान रविवार को मौत हो गई.
सब इंस्पेक्टर के संक्रमित मिलने के बाद उनकी पत्नी को भी जगन्नाथपुर के कुटे स्थित क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखा गया है. डॉक्टरों के अनुसार सब इंस्पेक्टर को निमोनिया की भी शिकायत थी. कोविड-19 टेस्ट रिपोर्ट आने के बाद वह घबराए हुए थे.
50 लाख के मुआवजे की मांग
इधर, संक्रमित सब इंस्पेक्टर की मौत के बाद झारखंड पुलिस एसोसिएशन के अध्यक्ष योगेंद्र सिंह ने मृतक के परिवार को 50 लाख मुआवजा की मांग की है. 50 लाख देने में सक्षम नहीं रहने की स्थिति में सरकार से उग्रवादी घटना में शहीद पुलिस कर्मियों को मिलने वाली सारी सुविधाएं देने की मांग की गई है. चूंकि पुलिस कर्मी कोरोना वारियर्स के रूप में संक्रमण फैलने के लिए सामने से लड़ रहे हैं. पुलिसकर्मी की मौत के बाद पुलिस कर्मियों में दहशत फैल गया है.