रांचीःकोरोना को हराने के लिएसूबे में वैक्सीनेशन जारी है.बड़ी संख्या में लोग टीका ले रहे हैं. बीएयू कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह ने 16 मार्च को कोविशील्ड का पहला व 3 मई को दूसरा टीका लगवाया. 61 वर्षीय डॉ सिंह बताते है कि टीकाकरण के बाद पूरी तरह स्वस्थ्य हूं. टीका के बाद किसी प्रकार की परेशानी नहीं हुई.
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कोरोना संक्रमण से बचाव का वैक्सीनेशन उत्तम माध्यम साबित हो रहा है. वैक्सीन हमें संक्रमण से बचाती है और संक्रमित होने पर बीमारी को गंभीर नहीं होने देती है. जिन लोगों ने वैक्सीन ली है, उनमें कोरोना का संक्रमण माइल्ड या मॉडरेट प्रभाव पाया गया है. वैक्सीन एक सुरक्षा कवच है, जो इस बीमारी को गंभीर नहीं होने देती एवं संक्रमण की तीव्रता और मृत्यु दर को कमतर करती है. यह हमारे इम्यून रिस्पॉन्स को बढ़ाता है.
घबराने या हिचकिचाहट की जरूरत नहीं
पूरे विश्व में नये एवं घातक कोरोना म्यूटेंट की वैरायटी भी अब सामने आ रही हैं. जब मुकाबला एक अंजान दुश्मन से हों, तो तैयारी सबसे बुरे दौर के हिसाब से करनी होगी. किसी भी वैक्सीन से बुखार की तरह साइड इफेक्ट्स एवं जोड़ों का दर्द आदि का होना आम बात है. वैक्सीन लगवाने से डरने, घबराने या हिचकिचाहट की जरूरत नहीं है. वैक्सीन लगवाने में देरी से कोरोना के प्रकोप से लंबे समय तक जूझना पड़ सकता है.
सरकार ने पूरे प्रदेश में टीकाकरण अभियान चला रखा है. इसे सफल बनाने में सकारात्मक सोच रखें. देश, प्रदेश, समाज एवं परिवार के हित में कोरोना टीका जरूर लगवाएं.
डॉ सुशील प्रसाद, डीन वेटनरी
इसी तरह डॉ सुशील प्रसाद, डीन वेटनरी ने कोविशील्ड का पहला वैक्सीन 25 मार्च एवं दूसरा वैक्सीन 42 दिनों के बाद 5 मई को लिया. 60 वर्ष के उम्र में दोनों वैक्सीनेशन लेने के उपरांत उन्हें कोई शारीरिक तकलीफ का सामना नहीं करना पड़ा. अभी वे पूरी तरह फिट है और वेटनरी कॉलेज के कार्यो को नियमित देखरेख कर रहे है.
वे कहते है कि वैक्सीन लेने से कोरोना वायरस का इंफेक्शन रिस्क धीरे-धीरे कम होता जाता है. वैक्सीनेशन के बाद कोरोना संक्रमण के अनेकों मामले सामने आए हैं. वैक्सीन के दो खुराक लेने के बावजूद भी संक्रमण के मामले व हल्के लक्षण देखने को मिला हैं. इसके बावजूद वर्त्तमान में वैश्विक स्तर पर कोरोना से बचाव का वैक्सीन ही सर्वोत्तम उपाय है.