रांचीः जिले के डीडीसी अनन्य मित्तल की अध्यक्षता में मनरेगा योजना की समीक्षात्मक बैठक शुक्रवार को आर्यभट्ट सभागार में की गयी. इस बैठक में रांची जिले के सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी, प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी, प्रखंड कार्यक्रम प्रबंधक जेएसएलपीएस, प्रखंड समन्वयक मौजूद रहे. इस बैठक में रातू, नगड़ी और इटकी प्रखंड में प्रति पंचायत कार्यरत मजदूरों की संख्या कम पाए जाने पर तीन बीपीओ से स्पष्टीकरण मांगा गया है.
मनरेगा कार्य में जेसीबी का प्रयोग करते पाए जाने पर दोषी पदाधिकारी और कर्मियों के विरुद्ध होगी कार्रवाई: डीडीसी - रांची डीडीसी अनन्य मित्तल
रांची के डीडीसी अनन्य मित्तल की अध्यक्षता में मनरेगा योजना की समीक्षात्मक बैठक शुक्रवार को आर्यभट्ट सभागार में की गयी. बैठक में डीडीसी ने निर्देश दिया है कि मनरेगा के तहत प्रति पंचायत 200 से 250 मजदूर कार्यरत रहे और सभी गांव में कम से कम 5 मनरेगा के तहत कार्य चलता रहे.
प्रवासी मजदूरों को जल्द जॉब कार्ड
डीडीसी ने निर्देश दिया है कि मनरेगा के तहत प्रति पंचायत 200 से 250 मजदूर कार्यरत रहे और सभी गांव में कम से कम 5 मनरेगा के तहत कार्य चलता रहे. इसके साथ ही बिरसा हरित ग्राम योजना, नीलांबर-पीतांबर जल समृद्धि योजना के तहत जल्द योजनाओं की स्वीकृति कराकर अभियान के रूप में कार्य कराया जाए, ताकि ग्रामीण अर्थव्यवस्था पटरी पर आ सके. उन्होंने निर्देश दिया है कि जो प्रवासी मजदूर अपना क्वॉरेंटाइन अवधी पूरा कर चुके हैं. उन्हें मनरेगा से जोड़े और प्रवासी मजदूरों को जल्द जॉब कार्ड उपलब्ध कराएं.
उन्होंने कहा कि किसी भी मनरेगा कार्य में जेसीबी का प्रयोग करते पाए जाने पर उस जेसीबी को संबंधित थाना में जमा कर दिया जाएगा और दोषी पदाधिकारी, कर्मी के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि गांव में अगर कोई भी व्यक्ति मनरेगा के तहत काम मांगता है तो उसे जल्द जॉब कार्ड बनाकर कार्य उपलब्ध कराया जाए. इसके साथ ही प्रखंड विकास पदाधिकारी और प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी को सख्त निर्देश दिया गया है कि प्रति पंचायत प्रतिदिन कार्यरत मजदूरों की संख्या 200 से 250 होनी चाहिए.