रांचीः जिले के उपायुक्त छवि रंजन की अध्यक्षता में गुरुवार को स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत शौचालय निर्माण प्रगति की समीक्षा की गई. इस दौरान उन्होंने लंबित शौचालय निर्माण कार्य की प्रखंडवार समीक्षा की. इसके साथ ही उन्होंने जियोटैगिंग की प्रक्रिया के बारे में जानकारी ली.
दो चरणों में जियोटैगिंग की प्रक्रिया
जिला समन्वयक ने बताया कि जियोटैगिंग की प्रक्रिया दो चरणों में की जाती है. पहले चरण में शौचालय की मूल संरचना तैयार हो जाने पर और दूसरे चरण में शौचालय निर्माण कार्य पूरा होने पर जियोटैगिंग का कार्य किया जाता है. उपायुक्त ने प्रत्येक प्रखंड जहां जिन शौचालयों का जियोटैग का कार्य पूरा हो चुका है, उन शौचालयों की सूची उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है.
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लंबित उपयोगिता प्रमाण पत्र की पंचायतवार समीक्षा
उपायुक्त ने एलओबी, एनओएलबी की समीक्षा करते हुए निर्मित शौचालयों का प्रगति प्रतिवेदन जल्द से जल्द जिला कार्यालय में समर्पित करने का निर्देश दिया है. साथ ही एमआइएस पर डाटा अपडेट करने को कहा है. बैठक में सभी प्रखंडों में शौचालय निर्माण संबंधित लंबित उपयोगिता प्रमाण पत्र की पंचायतवार समीक्षा भी की गई. उपायुक्त ने एक सप्ताह के अंदर लंबित उपयोगिता प्रमाण पत्र संबंधित मुखिया से प्राप्त करते हुए जमा करने का निर्देश दिया है.
जिला समन्वयक के रिक्त पदों पर नियुक्ति
वहीं, उपायुक्त ने शौचालय निर्माण कार्य जिन पंचायत में सबसे ज्यादा लंबित हैं, वहां के मुखिया से कार्य को गंभीरता से लेते हुए स्पष्टीकरण पूछने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही बैठक में जिला समन्वयक के रिक्त पदों पर नियुक्ति को लेकर भी चर्चा हुई, जिस पर उपायुक्त ने संबंधित पदाधिकारी को जरूरी दिशा-निर्देश दिए है.