रांची:झारखंड में डायन-बिसाही की वजहों से होने वाली हत्याओं को रोकने के लिए पुलिस ने बड़ी कार्य योजना पर काम शुरू कर दिया है. पुलिस की रिसर्च में यह बात सामने आई है कि डायन बिसाही को लेकर होने वाली हत्या के पीछे अहम भूमिका ग्रामीण इलाकों में रहने वाले वैसे लोगों की होती है जो झाड़-फूंक करते हैं. झारखंड पुलिस इस तरह के ओझा, तांत्रिक और स्थानीय पुजारियों पर नकेल कसने के लिए काम कर रही है.
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हर बार संदिग्ध होती है भूमिका
डायन-बिसाही हत्या मामले में कई बार ओझागुनियों और स्थानीय पुजारियों की भूमिका होती है. ऐसे में अब राज्य पुलिस स्थानीय पुजारी, पाहन, भगत को चिन्हित कर उनके पर्सनल बाउंड या निजी मुचलका भरवा रही है ताकि स्थानीय स्तर पर उचित रोकथाम किया जा सके. राज्य में डायन-बिसाही हत्याओं को रोकने के लिए सभी जिलों के एसपी, रेल एसपी को संबंधित जिला का नोडल पदाधिकारी बनाया गया है. वहीं सीआईडी के लिए डीआईजी सीआईडी को राज्य भर का नोडल पदाधिकारी बनाया गया है. झारखंड पुलिस के प्रवक्ता आईजी अभियान अमोल होमकर के अनुसार झारखंड में डायन बिसाही का आरोप लगाकर होने वाली हत्याएं बहुत बड़ी समस्या है और इसे रोकने के लिए बड़ी प्लानिंग के साथ पुलिस काम कर रही है.
कसा जा रहा नकेल
रांची के ग्रामीण एसपी नौसाद आलम के अनुसार अधिकतर घटनाओं में यह बात सामने आती है कि किसी का बच्चा बीमार है, तो अशिक्षित लोग अंधविश्वास में ओझा-गुनी के पास झाड़-फूंक के लिए चले जाते हैं. वहां ओझा गुणी गांव के किसी महिला या पुरुष का नाम बता देता है कि उसने जादू टोना किया है. गुस्से में लोग वैसे व्यक्ति या महिला को प्रताड़ित करते हैं. उसकी हत्या भी कर देते है. अंधविश्वास में गांव में कभी किसी के बीमार होने के लिए तो कभी किसी की मौत के लिए, यहां तक कि पशुओं की मौत के लिए भी जिम्मेदार ठहरा लोग किसी को भी डायन करार देते हैं. इस मामले में झाड़-फूंक करने वाले ओझा-गुनी की भी भूमिका रहती है, जो ग्रामीणों की अज्ञानता का फायदा उठाकर अंधविश्वास को बढ़ावा देते रहते हैं. ओझा-गुनी ही चिन्हित कर बताते हैं कि किस गांव में कौन डायन है. झारखंड के अलग-अलग जिलों के सभी थाना प्रभारियों को यह आदेश दिया गया है कि वे लोग जिस तरह अपराधियों का डाटा तैयार करते हैं, उसी तरह से गांव में झाड़-फूंक करने वाले लोगों को भी चिन्हित कर उनकी लिस्ट बनाएं और उनके कार्यों पर नजर रखें.
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किस तरह की योजनाओं पर हो रहा काम
डायन बिसाही के मामलों में सभी जिलों के एसपी को निर्देश दिया गया है कि वह संवेदनशील जगहों का चयन कर योग्य और संवेदनशील पदाधिकारियों व कर्मियों की प्रतिनियुक्ति करें. सूचना जुटाकर लगातर वस्तुस्थिति की समीक्षा करें. जिले में विशेष शाखा के स्थानीय पदाधिकारियों के साथ भी हर महीने बैठक कर डायन बिसाही संबंधी सूचना जुटाने और कार्रवाई का आदेश पुलिस मुख्यालय ने दिया है. जिन इलाकों में पूर्व में ऐसी घटनाएं हुई हैं, वहां खास निगरानी रखने का आदेश दिया गया है. थानेदारों को निर्देश दिया गया है कि वह किसी घटना पर तत्काल इसकी जानकारी एसपी को दें. इसके बाद एसपी के स्तर पर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए. स्थानीय चौकीदार और एसपीओ को विशेष प्रशिक्षण देने का निर्देश भी दिया गया है.