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फ्री लैपटॉप देने का झांसा देकर ठगी, आईजी साकेत से जानिए साइबर अपराध से बचने के तरीके

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Published : Dec 31, 2020, 7:35 PM IST

झारखंड में साइबर अपराधी नए नए तरीके अपनाकर लोगों से ठगी कर रहा है. मुफ्त में लैपटॉप और दूसरे तरह के लग्जरी आइटम लेने के चक्कर में हर दिन लोग ठगी का शिकार हो रहे हैं. इन अपराधियों से कैसे बचा जाए झारखंड पुलिस के प्रवक्ता सह आईजी अभियान साकेत कुमार सिंह ने ईटीवी भारत के माध्यम से साझा किया है.

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साइबर अपराध

रांची: झारखंड में साइबर अपराधी अब सरकारी योजनाओं का सब्जबाग दिखाकर लोगों की गाढ़ी कमाई उनके खातों से पैसे उड़ा रहे हैं. मुफ्त में लैपटॉप और दूसरे तरह के लग्जरी आइटम लेने के चक्कर में हर दिन लोग ठगी का शिकार हो रहे हैं. मामला सामने आने के बाद झारखंड के डीजीपी ने ट्वीट कर आम लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है. वहीं डीजीपी ने साइबर टीम को जल्द से जल्द ऐसे साइबर अपराधियों को गिरफ्तार करने का टाइम भी दिया है. झारखंड पुलिस के प्रवक्ता सह आईजी अभियान साकेत कुमार सिंह ईटीवी भारत के माध्यम से लोगों को यह विस्तार से बताया है कि किस तरह से साइबर अपराधी उन्हें अपने चुंगल में फंसाते हैं और उसके बचाव के रास्ते क्या हैं.

जानकारी देते आईजी साकेत सिंह



आईजी साकेत सिंह के अनुसार साइबर अपराधियों के झांसे में आने की सबसे प्रमुख वजह लालच है. आम लोगों को यह समझना होगा कि कोई भी सामान या ऑफर बिना किसी मेहनत के नहीं मिलता है, इसलिए अगर आपके पास कोई ऐसा मैसेज आता है कि सरकारी योजना के तहत सभी को फ्री में लैपटॉप या मोबाइल दिया जा रहा है, तो आप तुरंत सतर्क हो जाएं, क्योंकि कभी भी सरकार की तरफ से बल्क मैसेज भेज कर लोगों को लैपटॉप या मोबाइल नहीं दिया जाता है.


कैसे करते है ठगी
आपके मोबाइल पर एक अनजान नंबर से एक मैसेज आता है, जिसमें यह लिखा होता है कि आपको फ्री में लैपटॉप दिया जाएगा नीचे दिए गए लिंक को क्लिक कर अपनी जानकारी को शेयर करें. लॉटरी जीतने के नाम पर मैसेज किए जाते हैं और नीचे में लिंक दिया जाता है. जैसे ही आप लिंक पर क्लिक करेंगे आपसे डिटेल मांगे जाएंगे और आप के खाते से पैसे उड़ा लिए जाते हैं. महंगे कार बेहद कम दामों में दिए जाने के मैसेज साइबर अपराधी भेजते हैं और आपको फोन भी करते हैं. जब आप उनके झांसे में आ जाते हैं तो एक रकम मांगी जाती है जो रजिस्ट्रेशन के नाम पर होता है. उसके बाद साइबर अपराधी अपना वह नंबर बंद कर लेते हैं और आप ठगी के शिकार हो जाते हैं. साइबर अपराधी सुंदर लड़कियों की तस्वीर को प्रयोग में लाकर लोगों को उससे संबंधित लिंक भेजते हैं और फिर जाल में फंसा कर पैसे की ठगी कर लेते हैं. ऐसे मामले पुलिस के पास कम ही आते हैं, क्योंकि लोग लोक लाज के डर से पुलिस के पास नहीं जाते हैं.

साइबर अपराधी से बचें



नाइजीरियन गैंग भी सक्रिय
आईजी साकेत कुमार सिंह ने बताया कि झारखंड में नाइजीरिया के रहने वाले साइबर अपराधी भी सक्रिय हैं. यह लोग ई-मेल पर करोड़ों रुपए जीतने संबंधित मैसेज भेजते हैं और फिर आपके डिटेल को लेकर आपके खाते से पैसे उड़ा लेते हैं. झारखंड में नाइजीरियन बैंक के ओर से कई बड़ी ठगी की घटनाओं को अंजाम दिया गया है. इस मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने दो बार दिल्ली में रेड कर नाइजीरिया के रहने वाले नागरिकों को गिरफ्तार भी किया है.



क्या है बचाव के तरीके
आईजी साकेत सिंह के अनुसार अगर आप लालच में पडेंगे तो ठगी का शिकार बड़े ही आसानी से होंगे. जिस तरह से आए दिन साइबर अपराधी अलग-अलग तरीकों से ठगी की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं उन सब में एक ही कॉमन बात होती है, वह है लोगों के लालच को बढ़ावा देना. अगर आप लालच में नहीं पड़ेंगे तब आप के खातों में पैसे सुरक्षित रहेंगे. कभी भी सरकार की तरफ से बल्क मैसेज के जरिए सभी को फ्री में लैपटॉप या मोबाइल देने की जानकारी नहीं दी जाती है सरकार की योजनाओं की जानकारी सार्वजनिक रूप से दी जाती है और लोगों को फोन कर या फिर संबंधित अधिकारी के ओर से जानकारी दिलवाकर लैपटॉप या मोबाइल दी जाती है. करोड़ों रुपए लॉटरी में जीतने का झांसा दिया जाता है. अगर ऐसे ईमेल या मैसेजेस आपके पास आते हैं तो आप तुरंत सतर्क हो जाइए, क्योंकि मुफ्त में भला क्यों कोई आपको करोड़ रुपए देगा, जबकि आपने कोई लॉटरी भी नहीं लिया है. जब भी कोई ऐसा मैसेज आपके मोबाइल में आए जिसे देख कर आपको संदेह हो आप तुरंत हंड्रेड डायल या फिर साइबर पुलिस को मामले की जानकारी दें, ताकि उस नंबर को ट्रेस कर साइबर पुलिस कार्रवाई कर सके.

सावधान

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पत्रिका के जरिये लोगों को किया जा रहा जागरूक
झारखंड सीआईडी की टीम ने हाल में ही हिंदी और अंग्रेजी में साइबर अपराधियों से बचने के तरीकों से जुड़ा हुआ एक पत्रिका भी लॉन्च किया है, जो झारखंड पुलिस के वेबसाइट पर भी मौजूद है. साइबर अपराधियों से बचने के लिए यह पत्रिका बेहद कारगर है. इसलिए जरूरी है कि इसे गहनता से पढ़ा जाए. अगर आप मोबाइल फ्रेंडली हैं तो झारखंड पुलिस के सभी सोशल साइट को फॉलो करें उसमें समय-समय पर साइबर अपराधियों के नए तरीकों के बारे में लोगों को सावधान किया जाता है, साथ ही जो लोग मोबाइल यूज नहीं करते हैं. उन्हें भी इसकी जानकारी दें ताकि वह भी ठगी का शिकार होने से बच सकें.

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