रांची: बैंक अधिकारी बनकर लोगों से पैसा ठगने वाले देवघर जिले के साइबर अपराधियों को हाई कोर्ट से राहत मिली है. अदालत ने उसके हिरासत की अवधि को देखते हुए और आपराधिक इतिहास को देखते हुए जमानत की सुविधा उपलब्ध कराने का आदेश दिया है. अदालत ने उन्हें 10-10 हजार के दो निजी मुचलके और मामले की सुनवाई में सहयोग करने की शर्त पर जमानत दिया है.
झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश रंगन मुखोपाध्याय की अदालत ने साइबर अपराध के आरोपी मुकेश मंडल, रवि रावत, लियाकत यादव और सुमन कुमार सहित अन्य की जमानत याचिका पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की. न्यायाधीश ने अपने आवासीय कार्यालय से सुनवाई की.
साइबर अपराधियों को झारखंड हाई कोर्ट से मिली राहत, अदालत ने दी बेल
फर्जी बैंक अधिकारी बनकर लोगों से पैसा ठगने वाले देवघर जिले के साइबर अपराधियों को झारखंड हाई कोर्ट से राहत मिली है. अदालत ने साइबर अपराधियों के हिरासत की अवधि और आपराधिक इतिहास को देखते हुए जमानत की सुविधा उपलब्ध कराने का आदेश दिया है.
वहीं याचिकाकर्ता के अधिवक्ता और सरकार के अधिवक्ता शैलेंद्र कुमार तिवारी ने अपने-अपने घर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने सुनवाई के दौरान अदालत से जमानत देने का आग्रह किया. अदालत ने उसकी हिरासत की अवधि और अपराधिक इतिहास को देखने के हुए जमानत की सुविधा उपलब्ध कराने का आदेश दिया, साथ ही उसे सुनवाई के दौरान सहयोग करने को कहा है.
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देवघर जिले में साइबर अपराधी बैंक अधिकारी बनकर लोगों से ओटीपी लेकर अकाउंट से पैसा निकाल लिया करते थे. उसी मामले में देवघर जिले के साइबर थाने में केस दर्ज किया गया था. उसी मामले में आरोपियों ने हाई कोर्ट में जमानत याचिका दायर की. उस याचिका पर सुनवाई के दौरान उन्हें जमानत दी गई है.