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Published : Sep 26, 2019, 7:59 PM IST

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साइबर अपराधियों ने गांव को बनाया निशाना, प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम पर ग्रामीणों से की लाखों की ठगी

झारखंड में साइबर अपराध थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. आए दिन साइबर अपराधी किसी न किसी वारदात को अंजाम दे रहे हैं. जिला प्रशासन ने इसपर रोक लगाने के लिए साइबर टीम का भी गठन किया है, लेकिन घटना पर पूरी तरह लगाम नहीं लग पाया है.

साइबर अपराधियों ने एक गांव को बनाया निशाना

रांची:राजधानी में एक गांव को साइबर अपराधियों ने निशाना बनाते हुए भोले-भाले ग्रामीणों के खाते से लाखों रुपए उड़ा लिए हैं. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर दिलवाने का झांसा देकर अपराधियों ने लाखों की ठगी को अंजाम दिया है.

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रांची के तुपुदाना ओपी क्षेत्र के बारगुटु गांव में रहने वाले भोले-भाले ग्रामीण एक बड़ी ठगी का शिकार हो गए हैं. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास देने की बात कह कर तीन ठगों ने लगभग 35 ग्रामीणों के खातों से लाखों रुपए उड़ा लिए हैं. ग्रामीणों ने बताया कि 16 सितंबर को तीन लोग गांव में आए थे और तीनों ने बताया कि वे लोग प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सर्वे के लिए आए हैं, जब उनका सर्वे पूरा हो जाएगा तब ग्रामीणों को पैसे मिलेंगे और वे प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अपना घर बनवा सकते हैं.

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सर्वे के नाम पर आधार और खातों के डिटेल किया हासिल
ग्रामीणों ने बताया कि इस गांव में प्रधानमंत्री आवास योजना से सभी लाभुकों को आवास मिलेगा ये सुनकर वे काफी खुश हो गए. ग्रामीणों के अनुसार गांव में आए तीनों ठगों ने हर घर के मुखिया से उनके बैंक खातों के डिटेल और आधार कार्ड की फोटो कॉपी ले ली. इस दौरान तीनों ने ग्रामीणों के टूटे-फूटे घरों की तस्वीर भी खींची और कहा कि जल्द ही उन्हें नया घर बनाने के लिए पैसे मिलेंगे.

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एक हफ्ते बाद खातों से गायब होने लगे पैसे
ग्रामीणों के अनुसार 16 सितंबर को तीनों ठग गांव में आए थे. उनके जाने के एक हफ्ते के बाद जिन-जिन लोगों ने अपने आधार कार्ड और बैंकों के डिटेल दिए थे, उनके खातों से पैसे गायब होने शुरू हो गए. खासकर उन लोगों के पैसे सबसे पहले निकलने शुरू हुए जिनका बैंक खाता आधार से लिंक है. अब तक मिली जानकारी के अनुसार लगभग 35 लोगों के खातों से रुपए गायब हो चुके हैं. कई ग्रामीणों ने अभी तक अपना पासबुक अपडेट नहीं करवाया है, पासबुक अपडेट करने के बाद ठगी की रकम में और बढ़ोतरी हो सकती है.

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10 हजार से 70 हजार तक की निकासी
ग्रामीणों के अनुसार अदभुत सांगा के खाते से 35 हजार, हर्षित सांगा के खाते से 10 हजार, पूनम सांगा के खाते से 7 हजार, मरियम सांगा के खाते से 50 हजार सहित दूसरे 31 लोगों के खाते से भी 10 से 70 हजार तक की निकासी की गई है.

पंचायत में जुटे ग्रामीण
ग्रामीणों के खातों से पैसे गायब होने की सूचना पर गांव में हड़कंप मच गया. आनन-फानन में पंचायत की बैठक हुई और इस मसले पर चर्चा की गई. पंचायत में फैसला हुआ कि ग्रामीणों को प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम पर ठगों ने उनकी मेहनत की कमाई लूट ली है. ऐसे में सबसे पहले पुलिस को इसकी जानकारी देनी चाहिए.

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थाने में दी जानकारी
ठगी के शिकार ग्रामीण एकजुट होकर रांची के तुपुदाना ओपी पहुंचे और पुलिस को सारा मामला बताया, जिसके बाद से पुलिस छानबीन में जुट गई है. इस मामले की जानकारी वरीय पुलिस अधिकारियों को भी दी गई है, जिसके बाद साइबर थाने की टीम भी जांच में जुट गई है. साइबर ठगी के लिए झारखंड के कई जिले बदनाम है. यह पहली बार हुआ है जब कई ग्रामीणों को एक साथ साइबर अपराधियों ने अपना निशाना बनाया है. अब रांची पुलिस साइबर थाने की टीम के साथ मिलकर साइबर अपराधियों की पहचान करने में लगी हुई है, ताकि ग्रामीणों के पैसे को वापस दिलवाया जा सके. पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए सबसे पहले उन ग्रामीणों के खातों से बैंक अधिकारियों से कह कर लेनदेन की प्रक्रिया पर फिलहाल रोक लगा दी है, ताकि साइबर अपराधी उसमें से और पैसे ना निकाल सके.

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