रांची:राजधानी में साइबर अपराधियों की बढ़ती सक्रियता रांची के कारोबारियों के लिए मुसीबत बनती जा रही है. दरअसल साइबर अपराधी ठगी के पैसों का इस्तेमाल खरीदारी के लिये कर रहे हैं. ऐसे में जिन प्रतिष्ठानों से साइबर अपराधी मार्केटिंग कर रहे हैं उनके मर्चेंट खाते ही फ्रिज कर दिए जा रहे हैं.
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क्यों हो रहे खाते फ्रिज:दरअसल, अगर देश में कहीं भी किसी भी व्यक्ति से साइबर ठगी होती है और पीड़ित त्वरित राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर अपनी शिकायत दर्ज करवाता है तो, मनी ट्रेल को ब्रेक करने के लिए जिस खाते में भी साइबर अपराधी पैसों का ट्रांसफर करते हैं उन्हें तत्काल फ्रीज कर दिया जाता है. ताकि उन पैसों की रिकवरी की जा सके. लेकिन साइबर अपराधियों के खिलाफ अब तक की सबसे सुरक्षित शिकायत पोर्टल ही कारोबारियों के लिए मुसीबत बनती जा रही है.
क्यों परेशान हैं कारोबारी:झारखंड की राजधानी रांची सहित विभिन्न शहरों से कारोबारियों के मर्चेंट खाते लगातार फ्रिज हो रहे हैं. ऐसे मामले साइबर थानों में मामले रिपोर्ट किए जा रहे हैं कि उनके मर्चेंट खाते बैंकों के द्वारा फ्रिज कर दिए गए हैं. साइबर क्राइम ब्रांच की टीम जब इस मामले की तफ्तीश में जुटी तब जानकारी मिली कि जिन जिन कारोबारियों के मर्चेंट खाते फ्रिज किए गए हैं उन सभी के खातों में साइबर अपराधियों के द्वारा पैसे ट्रांसफर किए गए थे. जांच में यह बात भी सामने आई कि जिन कारोबारियों के प्रतिष्ठान से साइबर अपराधियों ने ऑनलाइन पेमेंट कर खरीदारी की है, उन्हीं के खाते फ्रीज किए गए. जांच में यह बात भी सामने आई कि असल में जिन जिन कारोबारियों के खाते फ्रीज हुए उनके खाते में ऑनलाइन ट्रांसफर से जो पैसे खरीदारी के एवज भुगतान हुए उन पैसों को साइबर अपराधियों ने ठगी कर अपने खाते में मंगवाए थे. राजधानी के बरियातू, सुखदेव नगर, हिन्दपीढ़ी जैसे थानों में खाते फ्रिज होने की शिकायत कारोबारियों ने दर्ज करवाई है.