रांचीः व्हाट्स एप को बेहद गोपनीय समझने वाले लोगों के लिए खतरे की घंटी बज चुकी है. अगर आप प्राइवेट बातें लीक ना हो ये सोचकर, इसके लिए धड़ल्ले से व्हाट्स एप पर वीडियो कॉल या वॉइस कॉल का इस्तेमाल कर रहे हैं तो सावधान हो जाएं. एटीएम और खातों से रकम उड़ाने वाले साइबर अपराधियों ने जालसाजी का नया तरीका इजाद कर लिया है. साइबर अपराधी और जालसाजी के लिए वीडियो कॉल का इस्तेमाल कर रहे हैं. इसके लिए साइबर अपराधियों ने शातिर लड़कियों की टीम भी तैयार की है. जो पहले खुद अपने वस्त्र का त्याग करती हैं और फिर उसका वीडियो बनाकर लोगों को ब्लैकमेल करती हैं.
रांची के साइबर थाने में रांची के एक जाना माना शख्स साइबर डीएसपी के सामने हाथ जोड़े मुद्रा में है. वह डीएसपी से गुहार लगा रहा है कि वह उनकी मदद करें, नहीं तो वह समाज में मुंह दिखाने के लायक नहीं रहेंगे. साइबर डीएसपी के सामने गिड़गिड़ा रहा ये व्यक्ति साइबर अपराधियों के बुने गए हुस्न के जाल में फंसा हुआ है. एक अनजान युवती ने व्हाट्स एप के जरिए इस शख्स से दोस्ती की और फिर अपने हुस्न के जाल में फंसा कर ब्लैकमेल कर रही है. आप सोच रहे हैं ना कि आखिर व्हाट्स एप के वीडियो कॉल से कोई अनजान लड़की कैसे किसी को ब्लैकमेल कर सकती है तो फिर हम आपको पूरा मामला विस्तार से समझाते हैं.
लॉकडाउन में बुना गया हुस्न का जाल
एटीएम और खातों से रकम उड़ाने वाले साइबर अपराधियों ने लॉकडाउन के दौरान ठगी का एक नया तरीका इजाद कर लिया. साइबर अपराधियों के इस गिरोह में कई युवतियां भी शामिल हैं जो किसी ना किसी वजह से लॉकडाउन के दौरान बेरोजगार हो गई थीं. इस गिरोह में शामिल युवतियां अनजान नंबर पर वीडियो कॉल या फिर कॉल करती हैं. पहली दफा गलती से नंबर लग गया कह कर सॉरी बोल कर निकल जाती हैं. लेकिन उसके बाद अपनी मजबूरी को लेकर व्हाट्स एप पर मैसेज करना शुरू कर देती हैं.
बीच-बीच में वीडियो कॉल कर अपनी तरफ से ही अश्लीलता की शुरुआत करती हैं, जब दूसरी तरफ से भी अश्लीलता की शुरुआत होती है तब उसकी रिकॉर्डिंग कर ली जाती है और फिर शुरू होता है ब्लैकमेलिंग का खेल. जिन लोगों की अश्लील तस्वीरें बना ली जाती है उन्हें यह धमकी दी जाती है कि अगर वह पैसे नहीं देंगे तो उनके वीडियो और फुटेज सोशल साइट पर डाल दिया जाएगा. समाज में बदनाम होने का डर से पीड़ित मुंह-मांगी रकम साइबर अपराधियों को दे देते हैं.
साइबर अपराधियों के गिरोह में शामिल युवतियां बेहद शातिर हैं. वह सुनियोजित तरीके से लोगों को झांसे में लेती है, सिलसिला मिस कॉल से शुरू होगा, रॉन्ग नंबर लगने की बात कह कर बताया जाएगा कि सामने कोई महिला बात कर रही है क्या. इसके बाद गिरोह के सदस्य अपने शिकार की गतिविधि चेक करेंगे, अगर उसकी तरफ से कॉल नहीं गई तो युवतियों की तरफ से व्हाट्स या फेसबुक पर चैटिंग की शुरुआत की जाएगी. घर, परिवार या पति से परेशान बताकर सहानुभूति बटोर जाएगी और फिर बातचीत का सिलसिला शुरू हो जाएगा. इसी बीच अश्लील वीडियो कॉल कर उसका स्क्रीन रिकॉर्डर एप्स रिकॉर्ड कर ब्लैकमेलिंग शुरू कर दी जाती है.
मामले की तफ्तीश में जुटी पुलिस को यह जानकारी मिली है कि जिस्म के कारोबार में लिप्त युवतियां साइबर अपराधियों के साथ मिलकर इस गिरोह का संचालन कर रही हैं. कोरोना संक्रमण की वजह से जब पूरे देश में लॉकडाउन लगा, उस दौरान जिस्म के कारोबार से जुड़ी लड़कियां बेरोजगार हो गईं. इसी दौरान ऐसी लड़कियां साइबर अपराधियों के संपर्क में आईं. जिसके बाद साइबर अपराधियों ने उन्हें लॉकडाउन के दौरान कमाई का नया तरीका बताया. जिस्म के कारोबार में शामिल लड़कियां तुरंत तैयार भी हो गईं. क्योंकि उन्हें यहां भी अपने शरीर की नुमाइश ही करनी थी. फिर धीरे-धीरे यह गिरोह ना सिर्फ झारखंड बल्कि पूरे देश में ठगी की वारदात को अंजाम देने लगा है.
लॉकडाउन के बाद भी जारी है धंधा