रांची: डिजिटल ट्रांजेक्शन के साथ साथ झारखंड में साइबर ठगी (Cyber Fraud in Jharkhand) बहुत तेजी से बढ़ा है. लोग अब जेब में पैसे रखना करीब करीब भूल गए हैं. क्योंकि छोटे से छोटे ट्रांजेक्शन भी मोबाइल के जरिए हो जाता है. सुविधा बढ़ी है तो साइबर अपराधी भी सक्रिय हुए हैं. 20 दिसंबर 2021 को साइबर अपराधियों ने रांची स्थित हरमू हाउसिंग कालोनी निवासी डॉ प्रभात कुमार गुप्ता को ठगी का शिकार बना लिया था.
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दरअसल, डॉ प्रभात कुमार का एटीएम कार्ड खो गया था. उन्होंने कार्ड को बंद कराने के लिए गूगल सर्च इंजन पर जाकर एसबीआई कस्टर केयर का नंबर ढूंढा. उन्होंने संबंधित नंबर पर कॉल कर अपनी परेशानी बतायी. लेकिन डॉ प्रभात को नहीं मालूम था कि वह जिस नंबर पर अपनी परेशानी साझा कर रहे हैं. वह साइबर अपराधियों की है. अपराधियों ने मौका नहीं जाने दिया. फौरन , डॉ प्रभात को स्क्रीन शेयरिंग एपलिकेशन यानी एनि डेस्क एप (Cheating by Any Desk App) डाउनलोड करवाकर उनके खाते से 5 लाख रुपए उड़ा लिए.
रांची में साइबर अपराधी गिरफ्तार: 20 दिसंबर को साइबर क्राइम थाना में मामला पहुंचते ही क्राइम ब्रांच की टीम हरकत में आ गयी. पूरी पड़ताल के बाद देवघर में छिपे मुख्य अपराधी को पुलिस ने धर दबोचा. उसके पास से कांड से संबंधित सामान बरामद किए गये हैं. गिरफ्तार शख्स का नाम राहुल मंडल है. उसकी उम्र महज 22 साल है. उसके पास से दो मोबाइल, एक एटीएम कार्ड और पांच सिम बरामद हुए हैं.
गिरफ्तार राहुल मंडल एक कुख्यात साइबर अपराधी है. 29 मई 2019 को फर्जी बैंक अधिकारी बनकर ठगी के आरोप में देवघर की साइबर क्राइम पुलिस ने गिरफ्तार किया था. उस मामले में जमानत पर जेल से बाहर आने के बाद उसने रांची के डॉ प्रभात को अपना शिकार बनाया था.