रांची: देश भर से सबसे ज्यादा साइबर अपराधी फाइनेंशियल फ्रॉड को अंजाम दे रहे हैं. वर्तमान समय में 100 में से 80 मामले फाइनेंशियल फ्रॉड से जुड़े ही साइबर और दूसरे थानों में दर्ज हो रहे हैं. झारखंड सीआईडी के डीजी अनुराग गुप्ता की मानें तो साइबर अपराधी यूपीआई, एटीएम के जरिए ठगी, क्यूआर स्कैन और ओटीपी फ्रॉड के जरिये सबसे ज्यादा फाइनेंशियल फ्रॉड को अंजाम दे रहे हैं.
क्यूआर स्कैन को समझने की जरूरत:सीआईडी डीजी अनुराग गुप्ता के अनुसार वर्तमान समय में सबसे ज्यादा ठगी क्यूआर कोड के स्कैन के जरिए की जा रही है. लोगों को समझने की जरूरत है कि कभी भी ओटीपी शेयर करने से पैसे नहीं मिलते हैं. आप जब भी बैंकिंग सेवा का प्रयोग करते हैं तो ओटीपी इस हालत में दिए जाते हैं जब आपको कहीं पेमेंट करना होता है. यही स्थिति क्यूआर कोड के लिए भी लागू होता है. अगर कोई क्यूआर स्कैन करने के लिए बोले और कहे कि आपके खाते में पैसे आएंगे तो आप समझ लीजिए कि आप ठगे गए. क्यूआर कोड का स्कैन सिर्फ और सिर्फ पैसे देने के लिए किया जाता है. यह बात लोगों को गांठ बांध लेनी चाहिए.
टेलीग्राम बना इन्वेस्टमेंट फ्रॉड का अड्डा:वहीं हाल के दिनों में जितने भी क्रिप्टो के नाम पर इन्वेस्टमेंट फ्रॉड हुए हैं उन सब का मुख्य आधार टेलीग्राम चैनल था. टेलीग्राम चैनल के जरिए ही लड़कियों की फेक प्रोफाइल बनाकर क्रिप्टो में निवेश करने के लिए लोगों को लालच दिया जाता है. डीजी सीआईडी के अनुसार वर्तमान समय में फ्रॉड के अधिकांश मामले जो इन्वेस्टमेंट फ्रॉड से जुड़े हुए हैं सभी टेलीग्राम चैनल से ही अंजाम दिए जा रहे हैं. ऐसे में टेलीग्राम चैनल को लेकर बेहद सावधान रहने की जरूरत है.
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