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पूर्व कृषि मंत्री रणधीर सिंह ने हेमंत सरकार पर साधा निशाना, कृषि में बजट की राशि न खर्च किए जाने पर की आलोचना - विधायक रणधीर सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की

रांची के भाजपा प्रदेश मुख्यालय में गुरुवार को पूर्व मंत्री और विधायक रणधीर सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर प्रदेश की हेमंत सरकार पर जमकर निशाना साधा. रणधीर सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कृषि समेत कई अन्य विभागों के लिए बजट में प्रस्तावित राशि न खर्च किए जाने की आलोचना की.

Criticism of hemant government for not spending budget amount in agriculture
पूर्व कृषि मंत्री रणधीर सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की

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Published : Jan 7, 2021, 5:46 PM IST

रांची:भारतीय जनता पार्टी के स्टेट हेड क्वार्टर में गुरुवार को पूर्व मंत्री सह विधायक रणधीर सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर प्रदेश सरकार पर करारे प्रहार किए. इस दौरान उन्होंने कृषि, पशुपालन, मत्स्य, सहकारिता विभाग के लिए किए गए बजटीय प्रावधान और वर्तमान सरकार की ओर से खर्च किए गए आंकड़ों को सामने रखा और सरकार को विफल करार दिया. उन्होंने कहा कि बीज खरीद के लिए 15 करोड़ राशि के आवंटन का प्रावधान है लेकिन सरकार ने 16 करोड़ 73 लाख 40 हजार 650 रुपये का भुगतान किया, जो अनियमितता है.

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रणधीर सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि किसानों की आय दोगुना करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से कई योजनाएं चलाई जा रहीं हैं, जिसका राज्य सरकार के माध्यम से किसानों तक लाभ पहुंचाया जाना है लेकिन वर्तमान हेमंत सोरेन इन योजनाओं की राशि खर्च करने में नाकाम रही है. उन्होंने तंज किया कि, आंकड़ों से पता चलता है कि वर्तमान सरकार किसानों की कितनी हितैषी है. उन्होंने बताया कि कृषि एवं पशुपालन, मत्स्य सहकारिता विभाग का बजट 3362 करोड़ 78 लाख रखा गया था, जिसमें कृषि विभाग का हिस्सा 2819 करोड़ 30 लाख रुपये था. लेकिन वर्तमान सरकार ने अब तक मात्र 47 करोड़ 30 लाख रुपये खर्च किया है, जो कुल राशि का 1.68 प्रतिशत ही है.

केंद्र से मिली राशि भी न खर्च करने का आरोप

पूर्व मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने पशुपालन विभाग के लिए 96 करोड़ 50 लाख रुपये का प्रावधान बजट में किया था, लेकिन खर्च 5 करोड़ 33 लाख रुपये ही किया, जो 5.56 प्रतिशत मात्र है.वहीं दूध उत्पादन को लेकर बजट में 159 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था पर 7 करोड़ 29 लाख रुपये ही खर्च किए गए जो 4.58 प्रतिशत मात्र है. रणधीर सिंह ने बताया कि मत्स्य विभाग के लिए 71 करोड़ 98 लाख रुपये का राशि निर्धारित की गई थी, लेकिन 12 करोड़ 95 लाख रुपये ही खर्च किए गए जो 17.99 प्रतिशत है. उन्होंने कहा कि सहकारिता विभाग के लिए बजट में 216 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था, लेकिन कोई राशि खर्च नहीं की गई है. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार केंद्र सरकार की ओर से दी गई 136 करोड़ 97 लाख की राशि भी नहीं खर्च कर सकी. राज्य सरकार ने इसमें से मात्र 15 करोड़ 36 लाख 92 हजार 362 रुपये ही खर्च किए हैं.

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