रांचीःरांची पुलिस ने साइबर अपराधियों के लिए कूरियर ब्वॉय के रूप में काम करने वाले गिरोह के तीन अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तार तीनों अपराधी साइबर क्रिमिनल्स के लिए बैंकों से पैसा निकालने का काम करते थे. गिरफ्तार अपराधियों के पास से पुलिस ने भारी मात्रा में एटीएम, पासबुक और मोबाइल फोन बरामद किया है.
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बिहार के नालंदा से जुड़ा है गिरोहःबिहार का नालंदा जिला साइबर क्रिमिनल्स का गढ़ बनता जा रहा है. नालंदा के साइबर अपराधी अब ठगी के पैसे बैंकों से निकालने के लिए बकायदा टीम बनाकर उसे दूसरे शहरों में रख रहे हैं, ताकि पैसा निकासी के समय कोई दिक्कत ना हो और ना ही पुलिस की नजर उन पर पड़े. रांची एसएसपी किशोर कौशल को मिली सूचना के आधार पर साइबर ठगों के कूरियर ब्वॉय के तौर पर काम करने वाले तीन अपराधियों को रांची के खेलगांव इलाके से गिरफ्तार किया गया है. गिरोह के सदस्य राजधानी रांची में ऑटो चालक बनकर किराए के मकान में रह रहे थे, ताकि किसी को भी इन पर शक ना हो. बिहार के नालंदा और पटना में रहने वाले साइबर अपराधी ठगी के पैसे विभिन्न खातों में ट्रांसफर करते थे और फिर वहीं से बैठे साइबर क्रिमिनल्स रांची में कूरियर ब्वॉय को यह निर्देश देते थे कि किस बैंक से कितना पैसा निकाल कर दूसरे बैंक में जमा करना है.
बस से भेजे जाते थे एटीएम, मोबाइल और सिम कार्डः दरअसल, साइबर क्रिमिनल्स जिस शहर में रहते हैं वहां ठगी के पैसे बैंकों से निकालने से बचते हैं. ऐसे में उन्होंने विभिन्न शहरों में अपने कुछ कूरियर ब्वॉय तैयार किए हैं, जो उनके लिए सिर्फ और सिर्फ विभिन्न एटीएम में जाकर पैसा निकालते हैं और फिर उनके बताए खाते में उसे डाल देते हैं. इसके एवज में हर निकासी के बदले कूरियर ब्वॉय को एक हजार रुपए मिलते थे. किस बैंक में कितने पैसे निकालने हैं और फिर किस बैंकों में जमा करना है इसकी पूरी जानकारी नालंदा से रांची पहुंचाई जाती थी. पैसे निकालने और डालने के लिए बकायदा एटीएम, मोबाइल फोन और सिम कार्ड भी पटना से ही भेजा जाता था. बस के द्वारा यह सभी समान साइबर क्रिमिनल्स कूरियर के पास पहुंचाते थे. जिसके बाद कूरियर पैसा निकासी का काम करते थे.
कैसे हुई गिरफ्तारीःदरअसल, एक एटीएम से हुई अवैध निकासी मामले की जांच कर रही पुलिस को सीसीटीवी फुटेज देखने के दौरान एक चौंकाने वाली जानकारी मिली. सीसीटीवी फुटेज में देखा गया कि ऑटो नंबर JH01ET 7199 से आने वाला एक व्यक्ति हर दिन किसी न किसी एटीएम में जरूर जाता है. एटीएम में वह पैसे डालता भी है और निकालता भी है. पैसा निकालने के समय वह अपने चेहरे को भी ढका रहता था. जानकारी मिलने के बाद रांची के एसएसपी किशोर कौशल ने मामले की तफ्तीश की. जिम्मेवारी साइबर डीएसपी यशोधरा और सदर डीएसपी को दी गई. बैंक की सहायता से जब ऑटो चालक के द्वारा की गई निकासी का ब्योरा निकाला गया तो पुलिस चौंक गई. क्योंकि ऑटो चालक के द्वारा लाखों रुपए की निकासी की गई थी. साथ ही रुपए की निकासी कर पटना के कुछ बैंकों में जमा कराए गए थे.
गिरफ्तार ऑटो चालक की निशानदेही पर दो अन्य गिरफ्तारःमामला संदेहास्पद लगने पर पुलिस की टीम ने खेलगांव इलाके से ऑटो चालक कमलेश को धर दबोचा. तलाशी के दौरान कमलेश के पास से दर्जनभर एटीएम कार्ड बरामद हुए. पूछताछ में कमलेश टूट गया और उसने बताया कि रांची में ही रहने वाले दो और लोग उसके साथ मिलकर साइबर अपराधियों के द्वारा भेजे गए पैसे की निकासी करते हैं और फिर साइबर अपराधियों के खाते में रुपए डालते हैं. कमलेश की निशानदेही पर दो और कूरियर ब्वॉयधर्मेंद्र सिंह और जितेंद्र को भी पुलिस ने धर दबोचा. धर्मेंद्र और जितेंद्र दोनों सगे भाई हैं. छापेमारी के दौरान धर्मेंद्र और जितेंद्र के घर से 95 हजार नगद , एक एटीएम कार्ड विभिन्न बैंकों के पास बुक और 17 मोबाइल बरामद किए गए हैं. गिरफ्तार तीनों कूरियर ब्वॉय बिहार के रहने वाले हैं.
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सरगना की तलाश जारीःपूछताछ में अपराधियों ने अपने सरगना के बारे में भी रांची पुलिस को जानकारी दी है. मिली जानकारी के अनुसार गिरोह का सरगना पटना में रहता है. रांची पुलिस ने उसे गिरफ्तार करने के लिए पटना पुलिस को पूरे मामले की जानकारी दी है.