रांचीः राजधानी रांची के लोअर बाजार इलाके के रहने वाले आफताब की हत्या कर दी गई है. डेढ़ माह पहले नंबर प्लेट का काम करने वाले आफताब को अगवा कर लिया गया था. जेल से रिमांड पर आए अपराधियों से पूछताछ के बाद आफताब का कंकाल पिठोरिया घाटी से बरामद किया गया है.
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क्या है पूरा मामलाः रांची के लोअर बाजार थाना क्षेत्र के रतन टॉकिज के पास से डेढ़ माह पहले नंबर प्लेट बनाने वाले युवक आफताब के अपहरण की गुत्थी सुलझा ली गई है. अपराधियों ने आफताब की हत्या कर उसके शव को पिठोरिया घाटी में जला दिया था. जिसे पुलिस ने शुक्रवार को पिठोरिया से बरामद किया है. अपराधियों ने पैसे की लेन देन की वजह से घटना को अंजाम दिया था. इस वारदात को बंटी यादव, कामरान जाफरी उर्फ युसूफ, सद्दाम, विशाल उर्फ गुल्ली व एक अन्य ने मिलकर अंजाम दिया था.
इस बात का खुलासा तब हुआ जब पुलिस ने अपराधी बंटी, युसूफ और सद्दाम को रिमांड पर लेकर पूछताछ की. पूछताछ में अपराधियों ने पुलिस को बताया कि वाहन चोरी वाले गैंग में आफताब भी शामिल था. कुछ गाड़ी की बिक्री करने के बाद जो पैसे मिले उसे आफताब अपने पास रख लिया था. उस पैसे को आफताब से अपराधी मांग रहे थे लेकिन आफताब उसे टाल-मटोल कर रहा था. इसी वजह से उसकी हत्या कर दी गई. पुलिस के अनुसार बंटी, युसूफ और सद्दाम बाइक चोरी के केस में पहले से ही जेल में बंद थे. बता दें कि 6 अक्टूबर को अपराधियों ने आफताब का अपहरण कर लिया था. इस मामले में लोअर बाजार थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी.
अपहरण कर ले गया कोकर, फिर कर दी हत्याः लोअर बाजार पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार अपराधियों ने खाने-पीने के लिए 6 अक्टूबर को आफताब को बुलाया था. रतन टॉकिज के पास अपराधी युसूफ अपनी गाड़ी में उसे बैठाया और खाने पीने के लिए कोकर स्थित एक किराए के मकान में ले गया. वहां पर पहले से मौजूद गिरोह के अन्य सदस्यों ने आफताब को पकड़ लिया. पहले जमकर उसकी पिटाई की फिर उसकी गला दबाकर हत्या कर दी. उसी रात को आफताब के शव को अपराधियों ने एक सूटकेस में भरा. फिर उसे पिठोरिया घाटी स्थित जंगल में ले गया, जहां पर पेट्रोल छिड़कर सूटकेस को आग लगा दी. इसके बाद सभी अपराधी वहां से फरार हो गए. अपराधियों की निशानदेही पर जब पुलिस पहुंची तो वहां पर पूरी तरह से जला हुआ शव बरामद किया.
जेल से ही मिली पुलिस को सूचनाः अपराधी बंटी यादव और सद्दाम पहले से ही रांची जेल में बंद थे. पांच नवंबर को अपराधी युसूफ भी बाइक चोरी के केस में जेल गया. वहां पर पहले से मौजूद गिरोह के सदस्य बंटी और सद्दाम से उसकी मुलाकात हुई. आपस में तीनों आफताब की हत्या की बात करने लगे. यह भी कहा कि अब तक उसका शव नहीं मिला है सेल में मौजूद पुलिस का गुप्तचर को इसकी जानकारी मिल गई. जेल प्रशासन की मदद से लोअर बाजार पुलिस घटना की जानकारी मिली जिसके बाद पुलिस ने तीनों अपराधियों को रिमांड पर लेकर पूछताछ की. इसके बाद मामले का खुलासा हुआ. आफताब की हत्या में और तीन अपराधी शामिल है जिनकी तलाश में पुलिस छापामारी कर रही है.